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कोरोना से जंग में भारत को बड़ी कामयाबी, देश में एक साथ दो-दो वैक्सीन को मंजूरी

कोरोना महामारी से निपटने के लिए वैक्सीन का इंतजार अब खत्म हो गया है. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने भारत में कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी है. सीरम इंस्टीट्यूट की ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है. साथ ही मैसर्स केडिला हेल्थकेयर को भारत में तीसरे चरण के ​क्लीनिकल ट्रायल करने की अनुमति मिली है.

एक दिन पहले ही सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने डीसीजीआई के पास भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोरोना वैक्सीन को अनुमति देने की सिफारिश की थी. वैक्सीन पर डीसीजीआई की मंजूरी पर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के चेयरमैन अदार पूनावाला ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन का धन्यवाद किया है. पीएम मोदी ने भी अनुमति मिलने के लिए देशवासियों और वैज्ञानिकों को बधाई दी.

डीसीजीआई के आला अधिकारियों के मुताबिक, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया जब किसी दवा या ड्रग को अनुमति देता है तो उस कंपनी को CT23 यानी अनुमति मिलती है. इसके मिलने के बाद दवा कंपनी की जिस राज्य में फैक्ट्री होती है वहां स्टेट ड्रग रेगुलेटरी अथॉरिटी से जाकर ड्रग एंडोर्समेंट की मांग करती है. इसके बाद वो दवा या वैक्सीन रोल आउट होती है. इस प्रक्रिया में जानकारों के मुताबिक 4 से 5 दिन लग सकते है.

स्वदेशी वैक्सीन है कोवैक्सीन
कोवैक्सीन भारत की स्वदेशी वैक्सीन है जिसे भारत बायोटेक ने विकसित किया है. भारत बायोटेक और एनआईवी पुणे ने मिलकर इस वैक्सीन को तैयार किया है. कोवैक्सीन देश में पहली स्वदेशी वैक्सीन है जिसे डीसीजीआई ने मंजूरी दे दी है. वहीं ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनका की वैक्सीन को भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया बना रही है. ऑक्सफोर्ड के वैक्सीन का नाम ‘कोविशील्ड’ है.

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