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कला संस्कृति और संगीत भारत की पहचान

किसी भी राष्ट्र की एक अलग पहचान बनाने में उसकी कला संस्कृति और संगीत ही उसकी परिचायक होती है। कला संस्कृति, संगीत शैली और सभ्यता यही तो मूल जड़ है। भारतीय कला और संस्कृति जितनी विशाल है। उतनी ही वे प्राचीन और सुंदर भी है. संस्कृति कला मंत्रालय, संस्कृति के संरक्षण और विकास में अहम भूमिका निभाता है।

व्यक्ति कला और संस्कृति का निर्माता है

मनुष्य ने अपने चिंतन, मनन, अनुभव के आधार पर कला और संस्कृति का विकास किया है। भारतीय कला ने देश और विदेशों में अपना उच्चतम स्थान बनाया है। हम दुनिया के किसी भी जगह खड़े हो जाएं हमारी सभ्यता ही हमारी पहचान बन जाती है।

भारत में दिनोदिन कई तरह के बदलाव आ रहे हैं, भारत एक विशाल देश है। हमारे देश में अनेक जातियों के लोग, अनेक धर्मों के लोग रहते हैं। अनेक छोटे छोटे प्रांत हैं। कई प्रकार की ऋतु हैं। भारतीय कला और संस्कृति ने अपनी पहचान हर क्षेत्र में मजबूती से बना रखी है।

मानव जीवन में कला का महत्वपूर्ण स्थान है

कला की अभिव्यक्ति किसी न किसी माध्यम से करनी होती है, मूर्ति बनाकर, भाव प्रकट करके, नृत्य करके, गाना गाकर, वाद्य को बजाकर मनुष्य अपनी कला को प्रकट करता है। कहीं पर जब हम अपनी कला का प्रस्तुतीकरण करते हैं। कला लोगों का दुख हल्का कर देती है, लोगों का मन हल्का हो जाता है। जब हम किसी को नाचते गाते हुए देखते हैं, भाव विभोर हो जाते हैं। कई तरह की कलाएं हमारे देश में व्याप्त है।

कला मनुष्य के विचारों को समझने का एक सहज माध्यम है

साहित्य, संगीत और कला से वंचित व्यक्ति साक्षात पशु के समान होता है। भारतीय संस्कृति हमारी धरोहर है जिसे हम पुराने समय से संजोते आ रहे हैं। संस्कृति के अंतर्गत मनुष्य का विश्वास व्यवहार, ज्ञान, प्रथाएं, परंपराएं, धर्म कृतियां, भाषा, संस्कार आदि चीजें आती हैं। यह सारी चीजें हमें संभालकर रखनी होती है, यही तो है हमारी मूल्यवान चीजें और अपनी संस्कृति के तौर तरीको के द्वारा ही हम पहचाने जाते हैं। इस संस्कृति को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को हम सब मिलकर देते जाते हैं।

भारत विविधताओं का देश है, यही तो है वह देश प्यारा

भारत देश के अंदर विभिन्नता में एकता देखने को हर जगह मिलती है। भारतीय शास्त्रीय संगीत देश-विदेश में अपनी पकड़ बना चुका है | अपनी जगह बना चुका है। संगीत सभी के जीवन में एक महान भूमिका निभाता है। संगीत की मधुर ध्वनि जब बजती है, हमारे कानों में सुनाई पड़ती है। शरीर में कंपन होने लगता है, और झूमने लगते हैं। मधुर रस हमारे कानों में घुलने लगता है। एक माध्यम आवाज बन जाती है। संगीत सुनाना और सुनना एक अच्छी आदत संगीत शक्तिशाली यंत्र की तरह काम करता है. संगीत सुनकर एक बीमार व्यक्ति भी कभी-कभी उठ कर बैठ जाता है।

हमारी कला, संस्कृति और भारतीय संगीत यह तीनों भारत की पहचान कराते हैं। मानवता का संदेश भारतीय संस्कृति की एक प्रमुख विशेषता है। हम अपनी संस्कृति और संगीत को कभी भी मिटने नहीं देंगे।

किसी शायर ने लिखा है…..यूनान मिस्र रोमा सब मिट गए जहां से लेकिन अभी है बाकी है नामो निशा हमारा

कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी
क्योंकि रहा है दुश्मन दौरे जहां हमारा

सकारात्मक विचार: हमारी संस्कृति, कला और संगीत एक अमर वट वृक्ष की तरह है। जो वृक्ष वैदिक काल से लेकर आज तक फल-फूल रहा है। मंगलकारी रूप में विद्यमान है, हम अपनी धरोहर को आगे आने वाली पीढ़ियों को विरासत के रूप में देते जाएंगे। जिससे हमारी कला संस्कृति और संगीत निरंतर आगे बढ़ता जाएगा।

मधु तिवारी

मधु तिवारी

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