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अरुणा मिलर ने रचा इतिहास, शपथ लेने के बाद परिवार का शुक्रिया अदा किया

 हैदराबाद में जन्मी अरुणा मिलर ने अमेरिकी राज्य मैरीलैंड के लेफ्टिनेंट गवर्नर के रूप में निर्वाचित होने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी राजनीतिज्ञ बनकर इतिहास रच दिया। मिलर ने बुधवार को राज्य के 10वें लेफ्टिनेंट गवर्नर के रूप में शपथ ली। अरुणा मैरीलैंड हाउस ऑफ डेलीगेट्स की पूर्व सदस्य रह चुकी हैं।

58 साल की मिलर (Aruna Miller) ने अपने उद्घाटन भाषण में अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार को दिया, जो भारत से संयुक्त राज्य अमेरिका में आकर बस गए थे। उनके पिता मैकेनिकल इंजीनियर थे जो 1960 के दशक के अंत में अमेरिका आए थे। बाद में वे अपने परिवार के बाकी सदस्यों को लेकर आए। उस वक्त अरुणा मिलर 7 साल की थी। यहां अरुणा के माता-पिता, दो भाई-बहन न्यूयॉर्क में रहने लगे।

मिलर ने 2010 से 2018 तक मैरीलैंड हाउस ऑफ डेलिगेट्स में दो बार सेवा की है। अपने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान मिलर ने भारत से अमेरिका आने की अपनी कहानी शेयर की। उन्होंने कहा कि स्कूल में मेरे जैसा कोई नहीं दिखता था और मैं अंग्रेजी की एक शब्द भी नहीं बोल सकती थी।

मिलर ने बताया कि जब हम कैफेटेरिया गए, तो मैंने पहली बार अमेरिकी खाना खाया। मैंने अपने जीवन में पहली बार ठंडा दूध पिया। मुझे लगता है कि मैंने ये सब अपने क्लासमेट्स से सीखी। अब वे मेरे दोस्त हैं। अरुणा ने बताया कि कैफेटेरिया के बाद मैं जब वापस क्लास में गई तो मेरी तबीयत खराब हो गई। फिर मेरी मां को बुलाया गया। जब मेरी मां आईं तो मैंने उनसे कहा कि मैं वापस दादी के पास भारत जाना चाहती हूं।

पद की शपथ लेने के बाद मिलर ने अपने माता-पिता और भाई-बहनों का भी शुक्रिया अदा किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिलर की जीत मैरीलैंड राज्य में भारतीय अमेरिकियों के बीच उनकी लोकप्रियता भी है, जहां कई रिपब्लिकन, समर्थक-ट्रम्प समर्थक उनके समर्थन में आगे आए।

बताया जा रहा है कि मिलर ने जनता की सुरक्षा में सुधार करने और समान परिवहन पहुंच बनाने के लिए मोंटगोमरी काउंटी, मैरीलैंड में स्थानीय परिवहन विभाग में काम करते हुए 25 साल बिताए। 2010 से 2018 तक उन्होंने मैरीलैंड हाउस ऑफ डेलिगेट्स में डिस्ट्रिक्ट 15 का प्रतिनिधित्व किया, जहां उन्होंने एसटीईएम शिक्षा में निवेश करने के लिए कानून बनाने, छोटे व्यवसायों के लिए नियामक प्रक्रिया को कारगर बनाने समेत कई अन्य काम किए। 2000 में अमेरिका की नागरिक बनने के बाद उन्होंने पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में मतदान किया था।

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