इस साल का पहला सूर्यग्रहण 15 फरवरी को पड़ेगा। इस Astronomical खगोलीय घटना को दक्षिणी गोलार्द्ध के हिस्सों में देखा जा सकेगा। इसके तहत अंटार्कटिका, अटलांटिक महासागर के दक्षिणी हिस्सों और साउथ अमेरिका के दक्षिणी हिस्से में इसको देखा जा सकेगा।
सूर्यग्रहण Astronomical घटना में
इस Astronomical घटना में आंशिक सूर्यग्रहण होगा जो भारत में नहीं दिखाई देगा। इसके बाद अगला सूर्यग्रहण इसी साल 11 अगस्त को देखने को मिलेगा लेकिन उसको भी भारत में नहीं देखा जा सकेगा।
- सूर्य ग्रहण तब होता है जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है।
- जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है तब वह पृथ्वी पर पड़ने वाली सूर्य की किरणों को अवरुद्ध करता है ।
- पृथ्वी के कुछ भागों पर चंद्रमा कि परछाईं पड़ने लगती है।
- जिसे हम सूर्य ग्रहण कहते हैं। चंद्रमा की छाया पूरी पृथ्वी पर एकसाथ नहीं पड़ सकती इसलिए सूर्य ग्रहण एक निश्चित क्षेत्र तक ही सीमित रहता है।
सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा
भारतीय समय के मुताबिक यह ग्रहण 15 फरवरी की रात 12 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगा और सुबह चार बजे इसका मोक्ष होगा। लेकिन बताया जा रहा है 15 फरवरी को सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा क्योंकि इसका असर आंशिक है।
- शास्त्रों के अनुसार ग्रहणकाल के समय मूर्ति छूना, भोजन तथा नदी में स्नान करना वर्जित माना जाता है।
- सूतक काल के समय किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत नहीं करनी चाहिए।
- भोजन ग्रहण करने और पकाने से दूर रहना अच्छा माना जाता है।
- देवी देवताओं और तुलसी आदि को स्पर्श नहीं करना चाहिए।
- सूतक के दौरान गर्भवती स्त्री का घर से बाहर निकलना और ग्रहण देखना वर्जित माना जाता है।
- ये शिशु की सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता क्योंकि इससे उसके अंगों को नुकसान पहुँच सकता है।
- वही विज्ञान के अनुसार सूर्य ग्रहण केवल एक खगोलीय घटना है।
- जिसमें अपने खगोलीय पथ पर घूमते हुए सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है।