औरैया। कोरोना महामारी के दौरान रोकथाम एवं बचाव के दौरान कार्यरत एक मुख्य आरक्षी की कोरोना संक्रमण से मृत्यु हो जाने पर उनके आश्रितों को 50 लाख रूपए की अनुग्रह राहत सहायता प्रदान किये जाने हेतु प्रदेश के राज्यपाल ने जिलाधिकारी औरैया को नामित किया है।
उत्तर प्रदेश शासन के सचिव रणवीर प्रसाद द्वारा जिलाधिकारी औरैया को जारी पत्र में कहा है कि शासनादेश के अनुसार कोविड-19 की रोकथाम एवं उसके बचाव हेतु कार्यरत मुख्य आरक्षी हरिनारायण रस्तोगी निवासी भरावन अतरौली हरदोई, हाल निवास 355/102 आलमनार राजाजीपुरम लखनऊ की ड्यूटी के दौरान कोविड-19 के संक्रमण से हुई मृत्यु की दशा में उनके आश्रितों को राहत सहायता प्रदान किये जाने के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 में रूपया 50,00,000 (रुपये पचास लाख मात्र) की धनराशि निम्नलिखित शर्तो एवं प्रतिबंधों के अधीन जिलाधिकाारी औरया के निवर्तन पर रखे जाने की राज्यपाल महोदय सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैं।
पत्र में यह भी कहा गया है कि जिस मद में धनराशि स्वीकृत की जा रही है, उसी मद में उपयोग हो अन्य मद में कदापि उपयोग न हो। स्वीकृति धनराशि सम्बन्धित जनपदीय कोषागार से सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ई-पेमेन्ट के माध्यम से ही भुगतान सुनिश्चित किया जाये। निधि से प्रदत्त धनराशि आपदा राहत हेतु प्रदान की जाती है। अतः आपदा के अनुसार राहत की आवश्यकता का निधारण करना तद्नुसार धन उत्पन्न कराना तथा इसका सदुपयोग सुनिश्चित करना एवं व्यय का पूर्ण विवरण शासन को निधारित तिथि तक उपलब्ध कराना जिलाधिकारी का कर्तव्य है। प्रदत्त धनराशि का पूर्ण सजगता के साथ समुचित प्रयोग सुनिश्चित क्रिया जाये।
राज्य आपदा मोचक निधि से स्वीकृत धनराशि का जिला स्तर पर समुचित लेखा-जोखा रखा जाये तथा माह के अंत में जिलाधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित किया जायेगा और मदवार मासिक व्यय विवरण निर्धारित प्रारूप पर अगले माह की 05 तारीख तक उपलब्ध कराने के साथ ही उक्त तिथि तक इसे राहत आयुक्त की वेवसाइट पर फीड करवाना सुनिश्चित किया जाये। शासन द्वारा स्वीकृत धनराशि में में यदि कोई अवशेष की स्थिति बनती है, तो उसे वित्तीय वर्ष के समापन 31 मार्च, 2021से पूर्व शासन को नियमानुसार समर्पित कर दिया जाय। उक्त धनराशि का उपभोग प्रमाण-पत्र वित्तीय हस्त पुस्तिका के अधीन निर्धारित प्रारूप संख्या में शासन को उपलब्ध कराया जाये। व्यय की गयी धनराशि महालेखाकार कार्यालय में सही मदों में पुस्तांकन कराया जाये।
रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर