जब से क्रेंद की मोदी सरकार ने सदन से नागरिकता सशोधन विधेयक पास कराया है तभी से पूरे देश में इसे लेकर जबरदस्त विरोध देखने को मिल रहा है. कई जगहों पर विरोध के दौरान हिंसा की खबरें भी सामने आई. वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो सरकार के इस बिल का समर्थन कर रहे है. हालांकि यह भारत का आंतरिक मामला है लेकिन भारत सरकार ने इस संशोधन के खिलाफ एक ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार ने सवाल उठाए जिसे हर्षा भोगले ने करारा जवाब दिया है.
हर्षा भोगले ने नागरिकता सशोधन विधेयक पर एक फेसबुक पोस्ट लिखते हुए साफ किया है कि भारत में किसी मुद्दे पर लोगों के बीच असहमति हो सकती है लेकिन इस देश में एक परिपक्व लोकतंत्र है और हम निर्भीक भारतीय हैं. इसलिए मेरा भारत टूटा नहीं है.
हर्षा भोगले ने अपनी फेसबुक पोस्ट पर लिखा,’मुझे लगता है कि युवा भारत हमसे बात कर रहा है. वो बता रहा है कि वो क्या बनना चाहता है और जो हम उसे बनने के लिए कह रहे हैं वो वैसा नहीं बनना चाहता. मेरी पीढ़ी एक ऐसे भारत में बड़ी हुई जो इंग्लैंड के शासन के बाद के असर से प्रभावित रही. मेरे माता-पिता की पीढ़ी के पास न केवल संसाधनों का अभाव था, बल्कि तब के माहौल ने उनसे उनका आत्मविश्वास तक छीन लिया था. हम खुशकिस्मत रहे, लेकिन अब भी हम नहीं जानते कि हम क्या कुछ करने में सक्षम हैं.’
हर्षा भोगले ने इस पोस्ट पर एक ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार डेनिस ने टिप्पणी की. डेनिस ने लिखा,’मैं इस पोस्ट के लिए हर्षा की प्रशंसा ही कर सकता हूं. उनका भारत टूटा हुआ है. किसी और देश के नेता या सत्ता में सरकार की लगातार नाजियों से तुलना नहीं हो रही है. इस मामले पर हम सबको हर्षा बनना चाहिए. सिर्फ गौतम गंभीर को छोड़कर, जिन्होंने इस पार्टी का हिस्सा बनने का फैसला लिया.’
डेनिस के इस पोस्ट से हर्षा भोगले भड़क गए और उन्होंने इस ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार को करारा जवाब दिया. हर्षा ने लिखा,’नहीं डेनिस, मेरा भारत टूटा हुआ नहीं है. ये जोशीले नौजवानों से भरा हुआ है जो शानदार काम कर रहे हैं. हम पूरी तरह से काम कर रहे परिपक्व लोकतंत्र हैं. कुछ मौकों पर हम अपनी असहमति और निराशा जता सकते हैं, लेकिन हम निर्भीक भारतीय हैं. आपने तुलना करने के लिए जिस शब्द का इस्तेमाल किया है…वो कभी नहीं.’