• गुदड़ी के लाल ने किया कमाल
रायबरेली। कौन कहता है आसमा में छेद नही हो सकता एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों। यह पंक्तियां बैसवारे के कुलदीप शर्मा पर सटीक बैठती हैं। जिसने गांव में ही रहकर देश की प्रतिष्ठित सेवा आईएएस की परीक्षा में तीसरी रैंक हासिल करके अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा दिया है। सरेनी विकास खण्ड के मूसापुर गांव निवासी संतोष शर्मा के बेटे कुलदीप शर्मा का आईएएस में चयन हो गया है। उसके इस चयन से ग्रामीणों ने बढ़ाई का तांता शुरु हो गया है।
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पेशे से मोटर मैकेनिक संतोष शर्मा गेगासो के गंगागंज में किराए पर एक। दुकान ले रखे हैं उसी से अपने परिवार की जीविका चलाते हैं। संतोष के परिवार में उनके छः बेटे हैं जिनमे दूसरे नंबर के बेटे कुलदीप शर्मा का चयन आईएएस होने से पूरा गांव हर्ष से झूम उठा।
गांव से ही की पढ़ाई और फिर शुरु कर दी तैयारी
होनहार कुलदीप ने गांव से ही रहकर हाई स्कूल और इंटर लालगंज के गंगाराम बारातीलाल सरस्वती विद्या मंदिर से किया। इसके बाद बी ए और बीएड भी किया। उनका शुरु से ही रुझान सिविल सर्विस की ओर था।
गांव में तैयारी करते करते जब उसने आईएएस परीक्षा की प्री परीक्षा निकाल ली तो फिर पिता संतोष शर्मा ने उसे मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए प्रयागराज भेज दिया। इसके बाद उसने वहां तैयारी शुरु की पहली बार में ही इस होनहार ने इस परीक्षा में अपना मुकाम बना लिया।
2021 में ही छिन गया था मां का साया
कुलदीप शर्मा की मां महेश्वरी का निधन वर्ष 2021 में एक सड़क दुर्घटना में हो गया था। तब से पिता संतोष शर्मा ने ही मां बाप की कसर पूरी की।
रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा