देश में एक जिला एक उत्पाद योजना सर्वप्रथम उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने लागू की थी। इसका उद्देश्य स्थानीय स्तर पर लोगों को स्वावलम्बी बनाना था। इसी के साथ योगी सरकार ने केंद्र की स्टार्ट अप स्टैण्ड अप इण्डिया तथा मेक इन इण्डिया योजना को भी प्रभावी ढंग से लागू किया। इन प्रयासों को बेहतर ढंग से संचालित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिडबी के नये भवन का ऑनलाइन शिलान्यास किया।
उन्होंने कहा कि इस भवन के निर्मित हो जाने से प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर से जुड़े कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने तथा स्टार्ट अप की स्थापना करने में सहूलियतें प्राप्त होंगी।स्टार्ट अप फण्ड के निधि प्रबन्धन का कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री द्वारा भारत के युवाओं के अभिनव विचारों को साकार करने के लिए स्टार्ट अप इण्डिया स्टैण्ड अप इण्डिया तथा मेक इन इण्डिया।जैसे कार्यक्रमों को लगातार आगे बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है। स्टार्ट।अप के क्षेत्र में इनोवेशन का बहुत महत्व है। इनोवेशन में सकारात्मक परिवर्तन लाने की असीमित क्षमता है।
नवप्रवर्तन तथा उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार राज्य के युवाओं को रोजगार आकांक्षी के बजाए रोजगार प्रदाता बनने हेतु प्रोत्साहित कर रही है। उत्तर प्रदेश में स्टार्ट अप फण्ड की स्थापना हेतु लगभग एक हजार करोड़ रुपये की लागत से कार्यवाही प्रारम्भ हुई है।।इसमें भी सिडबी ने उत्तर प्रदेश के साथ एक एमओयू हस्ताक्षरित किया है। इससे आत्मनिर्भर भारत तथा लोगों को स्वावलम्बी बनाने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा एक अभिनव योजना एक जनपद एक उत्पाद योजना लागू की गयी है। यह एमएसएमई सेक्टर के लिए गेम चेन्जर का काम कर रही है। भारत सरकार ने भी ओडीओपी को स्वयं के अभियान का हिस्सा बनाकर प्रत्येक राज्य को इस दिशा में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया है। देश की अर्थव्यवस्था में उत्तर प्रदेश के एमएसएमई सेक्टर बहुत बड़ी भूमिका थी। एक बार फिर से अपनी उन जड़ों को तलाशने की आवश्यकता है।
इस दृष्टि से विगत मई माह में उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्ट अप नीति के अन्तर्गत सिडबी को प्रथम किश्त के रूप में पन्द्रह करोड़ रुपये अन्तरित किए गए थे। फण्ड आफ फण्ड्स की व्यवस्था हेतु शासन द्वारा सिडबी के साथ समझौता ज्ञापन का औपचारिक आदान प्रदान भी किया गया था। स्वावलम्बन केन्द्र लखनऊ शहीद पथ पर लगभग एक एकड़ क्षेत्रफल में निर्मित होगा। इस भवन को ग्रीन बिल्डिंग के रूप में विकसित किया जाएगा।