मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रत्येक विशेष अवसर या उत्सव को भी विकास और लोक कल्याण से जोड़ देते है। मुख्यमंत्री बनने के कुछ महीने बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश दिवस का आयोजन शुरू किया। यह एक समारोह तक ही सीमित नहीं था। योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने की शुरुआत की। अब यह परम्परा के रूप में स्थापित हो चुकी है। एक वर्ष पूर्व अयोध्या जी में श्री राम लला विराजमान मंदिर निर्माण हेतु भूमि पूजन हुए था। यह दिन भारत के इतिहास में दर्ज हुआ।
इस दिन पांच शताब्दियों का सपना साकार हुआ था। योगी आदित्यनाथ ने इस महत्वपूर्ण दिन पर गरीबों की सहायता का निर्णय लिया। यह रामराज्य की कल्पना के अनुरूप निर्णय था। पांच अगस्त को अन्न उत्सव के रूप में मनाया गया। योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर के भूमि-पूजन की प्रथम वर्षगांठ पर देशवासियों को बधाई दी थी। उन्होंने कहा कहा कि प्रभु श्री राम की पावन जन्मभूमि श्री अयोध्या जी में भारत की सकल आस्था के केंद्र बिंदु व सभी के आराध्य प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण हेतु हुए भूमि-पूजन के प्रथम वर्षगांठ की सभी को बधाई! प्रभु श्री राम की कृपा सभी पर बनी रहे। जय श्री राम! योगी आदित्यनाथ ने बताया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र इस दिन प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अन्तर्गत लाभान्वित हो रहे प्रदेश के लाभार्थियों से संवाद करेंगे।
यह कार्यक्रम राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की अस्सी हजार से अधिक दुकानों पर प्रस्तावित है। कार्यक्रम की व्यापक तैयारी के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कि कार्यक्रम के लिए सेक्टर प्रणाली के आधार पर सभी आवश्यक प्रबन्ध किये जाएं। कार्यक्रम के दौरान जन प्रतिनिधियों की उपस्थिति के लिए सभी से संवाद बना लिया जाए। कार्यक्रम स्थल पर टेलीविजन, वीडियो वॉल लगवाई जाए। जिससे अधिकाधिक लोग कार्यक्रम से लाभान्वित हो सकें।
उन्होंने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ के तहत खाद्यान्न वितरण की सभी तैयारियां समय से पूर्ण कर कोविड प्रोटोकॉल का पूर्णतः पालन करते हुए आयोजन को सफल बनाने के निर्देश दिए थे। कहा कि प्रत्येक फेयर प्राइस शॉप हेतु नोडल अधिकारी नामित करते हुए सभी पात्र लाभार्थियों को मानक के अनुसार खाद्यान्न का वितरण सुनिश्चित कराया जाए। उन्होंने खाद्यान्न वितरण कार्य की वीडियोग्राफी कराए जाने के भी निर्देश दिए। इस दिन प्रदेश भर में राशन की दुकानों पर पांच किलो प्रति यूनिट निशुल्क अनाज वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। सभी दुकानों पर नोडल अधिकारी दो दिन पहले ही पहुंचकर सारी व्यवस्था पूरी कर ली थी। दुकानों को फूलों से सजाया गया। स्थानीय वाद्य,लोककला नाटक तथा कवि सम्मेलन का आयोजन तय हुआ।
सभी सांसद, निगमों के अध्यक्ष के अलावा किसी समाजसेवी,शहीद के परिवार या अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी को भी आमंत्रित किया गया। एक वर्ष पूर्व श्री राम मंदिर निर्माण हेतु भूमि पूजन के साथ ही अयोध्या में नया अध्याय जुड़ा था। वस्तुत: पिछले चार वर्षो में यहां हुए भव्य दिव्य दीपोत्सव व विकास कायरे से नईं संचेतना का संचार होने लगा था। इसी बीच न्यायिक निर्णय से जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का मार्ग भी प्रशस्त हुआ। जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्राचीन गौरव के अनुकुल अयोध्या के विकास की कार्यंयोजना बना चुके थे। विश्व के अनेक देशों की अर्थव्यवस्था में पर्यंटन व तीर्थाटन का विशेष योगदान रहता है।
इसके लिए इन देशों ने योजनबद्ध ढंग से प्रयास किया। अपनी आध्यात्मिक ऐतिहासिक व प्रावृतिक धरोहरों को सजाया सँवारा,वहां विश्व स्तरीय सुविधाओं व संसाधनों का विकास किया। इसके कारण अनेक स्थानों को विश्व स्तरीय प्रतिष्ठा मिली। स्वतंत्रता के बाद भारत के लिए भी ऐसा करने का अवसर था। लेकिन कतिपय मध्यकालीन इमारतों के अलावा अन्य ऐतिहासिक स्थानों के विकास पर उचित ध्यान नहीं दिया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब काशी को क्वेटो जैसा विकसित करने की बात कही थी,तब इसका प्रतीकात्मक महत्व था। क्वेटो को विश्वस्तरीय बनाने में वहां की अनेक सरकारों ने प्रयास किया था। जबकि हमारे यहां इस प्रकार के विजन का अभाव रहा है। नरेंद्र मोदी सरकार ने तीर्थाटन व पर्यंटन पर अत्यधिक जोर दिया। इस विषय को प्राथमिकता में शामिल किया।
अनेक सर्किट का निर्माण चल रहा है। तीर्थाटन की दृष्टि से अयोध्या का विशेष महत्व रहा है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के अनेक स्थल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध रहे हैं। लेकिन विश्वस्तरीय पर्यटन सुविधाओं की ओर पहले अपेक्षित ध्यान नहीं दिया गया। योगी आदित्यनाथ इस कमी को दूर कर रहे हैं। उनका कहना था कि पहले की सरकारें अयोध्या का नाम लेने से बचती थी। इस कारण यहां पर्याप्त विकास नहीं किया गया। इसी प्रकार श्री कृष्ण जन्मस्थली मथुरा वृंदावन व भोलेनाथ की नगरी काशी की भी प्रतिष्ठा है। काशी तो दुनिया की सर्वाधिक प्राचीन नगरी है। योगी सरकार इस सभी स्थलों का गरिमा के अनुकूल विकास कर रही है।
मुख्यमंत्री लगभग दो दर्जन बार अयोध्या की यात्रा पर आ चुके हैं। प्रत्येक बार वह यहां के लिए विकास की कोई न कोई योजना भी लाते रहे हैं। इसके अलावा पहले से चल रही योजनाओं की समीक्षा भी करते हैं। ऐसे स्थलों का समग्र विकास किया जा रहा है। जिससे विदेश से आने वाले पर्यटकों को भी सकारात्मक सन्देश मिले। समग्र विकास में दशरथ मेडिकल कॉलेज का निर्माण भी शामिल है। यहां लोगों का इलाज भी हो रहा है। मेडिकल विद्यार्थियों की पढ़ाई भी शुरू हो गई है। इस मेडिकल कॉलेज को और सुविधासंपन्न बनाने के लिए अनेक निर्माण कार्य चल रहे हैं। कई निर्माण कार्य पूरे होने वाले हैं। जबकि कुछ महत्वपूर्ण निर्माण कार्य चल रहा है।
पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या विकास प्राधिकरण की तरफ से मास्टर प्लान में शामिल बीस हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट की समीक्षा की थी। उस वर्चुअल समीक्षा में योगी आदित्यनाथ व संबंधित अधिकारी शामिल हुए थे। मास्टर प्लान में सभी विकास परियोजनाओं को शामिल किया गया है। इसमें पुरातत्व महत्व के मंदिरों और परिसरों का जीर्णोद्धार व सुंदरीकरण शामिल है। बीस हजार करोड़ रुपए के इन प्रोजेक्ट में क्रूज पर्यटन परियोजना, रामकी पैड़ी पुनर्जनन परियोजना, रामायण आध्यात्मिक वन, सरयू नदी आइकॉनिक ब्रिज, प्रतिष्ठित संरचना का विकास पर्यटन सर्किट का विकास, ब्रांडिंग अयोध्या, चौरासी कोसी परिक्रमा के भीतर दो सौ आठ विरासत परिसरों का जीर्णोद्धार, सरयू उत्तर किनारे का विकास आदि शामिल हैं। इसके साथ ही अयोध्या को आधुनिक स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित किया जा रहा है। सरकार ने सैकड़ों पर्यटकों के सुझाव के बाद एक विजन डॉक्यूमेंट भी तैयार किया है।
अयोध्या के विकास की परिकल्पना एक आध्यात्मिक केंद्र, वैश्विक पर्यटन हब और एक स्थायी स्मार्ट सिटी के रूप में की जा रही है। कनेक्टिविटी में सुधार के प्रयास जारी है। इनमें एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन के विस्तार, बस स्टेशन, सड़कों और राजमार्गों व ढांचा परियोजनाओं का निर्माण शामिल है। ग्रीनफील्ड टाउनशिप भी प्रस्तावित है। इसमें तीर्थयात्रियों के ठहरने की सुविधा,आश्रमों के लिए जगह,मठ,होटल, विभिन्न राज्यों के भवन आदि शामिल हैं। अयोध्या में पर्यटक सुविधा केंद्र व विश्व स्तरीय संग्रहालय भी बनाया जाएगा। सरयू के घाटों के आसपास बुनियादी ढांचा सुविधाओं का विकास होगा। सरयू नदी पर क्रूज संचालन भी शुरू होगा। ग्रीनफील्ड सिटी योजना, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, सरयू तट पट विकास,पैं सठ किमी लंबी रिंग रोड, पर्यटन केंद्र, पंचकोसी परिक्रमा मार्ग विकास आदि से अयोध्या की तस्वीर बदल जाएगी। इसमें कोई संदेह नहीं कि कुछ वर्ष पहले तक अयोध्या उपेक्षित थी।
यह विश्वस्तरीय पर्यटन व तीर्थाटन केंद्र रहा है। लेकिन यहां स्थानीय स्तर की भी सुविधाएं नहीं थी। फिर भी आस्था के कारण करोड़ों लोग यहां परेशानी उठाकर भी आते थे। योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के विकास पर ध्यान दिया। इसको स्मार्ट व विश्व स्तरीय नगर बनाने का कार्य प्रगति पर है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या आने वाले समय में वैश्विक मानचित्र में एक नया स्थान बनाने जा रहा है। अयोध्या विश्वस्तरीय पर्यटन केन्द्र के साथ साथ शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं का भी एक बड़ा केन्द्र बनाया जाएगा। अयोध्या में इन सुविधाओं के विकास के लिए यहां के जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर केन्द्र व प्रदेश सरकार कार्यक्रमों को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।