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मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में शामिल हुए भूटान के राजा; पड़ोसी देश में की गई विशेष प्रार्थनाएं

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर पूरे भूटान में विशेष प्रार्थनाएं आयोजित की गई हैं। जानकारी के मुताबिक हिमालयी देश के सभी 20 जोंगखाग या जिलों में पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री के लिए अलग-अलग प्रार्थना समारोह आयोजित किए गए। जबकि भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक शनिवार को दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। इससे एक दिन पहले उन्होंने थिम्पू के एक बौद्ध मठ में पूर्व प्रधानमंत्री के लिए प्रार्थना की थी।

सम्मान में आधा झुका रहा भूटान का राष्ट्रीय ध्वज
वहीं भूटान की शाही सरकार के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सम्मान में भूटान का राष्ट्रीय ध्वज पूरे देश में और विदेशों में मौजूद उसके दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों में आधा झुका दिया गया। थिम्पू के कुएनरे ऑफ ताशिचोदजोंग में आयोजित समारोह में एक हजार घी के दीपक जलाए गए, जिसका नेतृत्व राजा वांगचुक ने किया। इस प्रार्थना समारोह में प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे, भारतीय राजदूत सुधाकर दलेला, शाही परिवार के कई सदस्य और भूटानी सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

राजा वांगचुक ने दिल्ली में पहुंचकर दी श्रद्धांजलि
भूटान सरकार ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री के सम्मान में और भारत सरकार और लोगों के साथ एकजुटता के प्रतीक के रूप में, देश भर में और विदेशों में भूटान के दूतावासों, मिशनों और वाणिज्य दूतावासों में सभी राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे।’ जबकि शनिवार को, राजा वांगचुक ने दिल्ली के निगमबोध घाट सार्वजनिक श्मशान घाट पर मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

मनमोहन सिंह के कार्यकाल में दोनों देशों के संबंधों में हुई बढ़ोतरी
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, जो 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे और जिन्हें भारत के आर्थिक सुधारों के निर्माता के रूप में जाना जाता है, का गुरुवार रात अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया। वे 92 वर्ष के थे। मनमोहन सिंह के कार्यकाल में भूटान समेत कई प्रमुख देशों के साथ भारत के संबंधों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई। भारत और भूटान के बीच सद्भावना, विश्वास और पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग पर आधारित मजबूत मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। भारत-भूटान संबंधों का मूल ढांचा 1949 में हस्ताक्षरित ‘मैत्री और सहयोग की संधि’ है। इसे फरवरी 2007 में नवीनीकृत किया गया था जब मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे।

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