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ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सामने आया बड़ा बयाना, 1992 के पहले मंदिर-मस्जिद की जगह था ये…

वाराणसी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में कोर्ट के फैसले के बाद सर्वे का कार्य शुरू हो चुका है.सर्वे टीम में एडवोकेट कमिश्नर के साथ दो सहायक भी शामिल हैं.अलावा वादी और प्रतिवादी के साथ ही दोनों पक्षों के वकील भी मस्जिद परिसर में सर्वे टीम के साथ मौजूद हैं.

इस बीच काशी करवत मंदिर के महंत पं. गणेश शंकर उपाध्याय बीते दिनों को याद करते हुए कहते हैं कि 1992 के पहले तो कोई मंदिर-मस्जिद का विवाद नहीं था। मुझे आज भी याद है कि हम लोग बड़े आराम से ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में खेलने कूदने के लिए जाया करते थे।

ज्ञानवापी पहुंच गए थे ज्ञानी जैल सिंह महंत परिवार के महेश उपाध्याय ने बताया कि उनको वह वाकया आज भी याद है जब ज्ञानी जैल सिंह बतौर गृहमंत्री बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने आए थे। जब उन्होंने छत्ताद्वार से प्रवेश किया तो वह मस्जिद को ही मंदिर समझकर अंदर आ गए थे।

वीडियो देखें- काशी धाम || ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिला 12.8 फीट का शिवलिंग

काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद अयोध्या बाबरी मस्जिद के विवाद से मिलता जुलता है. वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश और डीएम कौशल राज खुद मौके पर मौजूद हैं।

ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मंदिर विवाद मामले में कोर्ट के आदेश पर अधिवक्ता कमिश्नर द्वारा सर्वे और फोटोग्राफी का काम शांतिपूर्ण संपन्न हो गया. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन के बेटे विष्णुशंकर जैन का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग मिला है।

जिसके बाद वाराणसी सिविल कोर्ट के जज रवि कुमार दिवाकर ने शिवलिंग की जगह को सील करते हुए उसे सीआरपीएफ के हवाले कर दिया है. बता दें कि एक याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि सर्वे के दौरान शिवलिंग मिला है. जिसके बाद वाराणसी सिविल कोर्ट के जगह को सील करने का आदेश दिया है।

वाराणसी सिविल कोर्ट ने जिला प्रशासन को कहा है कि जिस जगह पर शिवलिंग मिला है उसे सील किया जाए, उसे संरक्षित करते हुए किसी को भी जाने की इजाजत न दी जाये. हालांकि मुस्लिम पक्ष सभी दावों को खारिज कर रहा है।

इस मामले में वजूखाने को अब सीआरपीएफ के हवाले कर दिया गया है. अधिवक्ता हरिशंकर जैन वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु जैन के बेटे हैं. उनके उस प्रार्थना पत्र को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया जिसमें यह दावा किया गया है कि परिसर से 12.8 फीट का शिवलिंग मिला है. इस अर्जी को कोर्ट ने स्वीकार कर लिए और जिला मजिस्ट्रेट बनारस को आदेश दिया है कि जिस स्थान पर शिवलिंग प्राप्त हुआ है उसे स्थान को तत्काल प्रभाव से सील कर दें.

सील किए गए स्थान पर किसी भी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित किया जाता है. जिला मजिस्ट्रेट वाराणसी और पुलिस कमिश्नर पुलिस कमिश्नरेट बनारस तथा सीआरपीएफ कमांडेंट बनारस को आदेशित किया जाता है कि जिस स्थान को सील किया गया है उस स्थान को संरक्षित एवं सुरक्षित रखने की पूर्णता व्यक्तिगत जिम्मेदारी उपरोक्त समस्त अधिकारियों की व्यक्तिगत रूप से मानी जाएगी.

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