गुजरात में आया भयंकर चक्रवाती तूफान बिपरजॉय अपने पीछे तबाही के गहरे निशान छोड़ गया है। तूफान आने के बाद गुरुवार शाम को राज्य के तटीय इलाकों के गांवों में तबाही मच गई। कई जिलों में अब भी तूफानी हवाओं के साथ मूसलाधारी बारिश जारी है। तूफान के कारण हजारों पेड़ और सैकड़ों बिजली के खंभे उखड़ गए, जिसके चलते करीब 1000 गांव अंधेरे में डूब गए हैं।
जानकारी के अनुसार, मोरबी जिले में 115-120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भारी बारिश और तेज हवाओं ने कहर बरपाया, जिससे 300 से अधिक बिजली के खंभे और हजारों पेड़ उखड़ गए, जिससे लगभग 45 इलाकों में बिजली गुल हो गई।
पश्चिम गुजरात विज कंपनी लिमिटेड (पीजीवीसीएल) के अधिकारियों ने कहा कि प्रभावित नौ गांवों में बिजली बहाल करने के प्रयास चल रहे हैं। मोरबी में पीजीवीसीएल के कार्यकारी अभियंता, जेसी गोस्वामी ने बताया, “तेज हवा से बिजली के तार और खंभे टूट गए, जिससे मालिया तहसील के 45 गांवों में बिजली गुल हो गई। हम 9 गांवों में बिजली बहाल कर रहे हैं और बाकी गांवों में बिजली बहाल कर दी गई है।”
अधिकारियों के अनुसार, चक्रवाती तूफान के कारण मोरबी के मलिया तालुका में दो बिजली स्टेशनों को बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा, “तटीय और रेगिस्तानी इलाकों में 300 से ज्यादा बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त हो गए हैं।”
इस बीच, गुजरात के रिलीफ कमिश्नर आलोक पांडे ने कहा कि अचानक बाढ़ आने की संभावना है और भारी वर्षा के साथ पूरे गुजरात में रुक-रुक कर बारिश होने की संभावना है। “तूफान की नजर वर्तमान में पाकिस्तान-कच्छ सीमा के पास है। हवा की औसत गति 78 किमी प्रति घंटे है। बिजली आउटेज की संभावना है। आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, तूफान कल दक्षिणी राजस्थान तक पहुंच जाएगा।”
इससे पहले गुरुवार की शाम गुजरात के तटीय इलाकों में ‘बिपरजॉय’ चक्रवात के कारण बिजली के खंभे और पेड़ उखड़ गए, जबकि पिता-पुत्र सहित दो लोगों की मौत हो गई और कम से कम 22 लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने कहा कि इसके अलावा, 23 जानवरों की भी मौत हो गई है और गुजरात में विभिन्न स्थानों पर तेज हवाओं के साथ 524 से अधिक पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए हैं, जिससे लगभग 940 गांवों में बिजली की आपूर्ति ठप हो गई है।