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दिल्ली के मुखर्जी नगर के एक कोचिंग सेंटर में लगी आग, मसीहा बने स्थानीय लोग, ऐसे बचाई छात्रों की जान

दिल्ली के मुखर्जी नगर के एक कोचिंग सेंटर में आग लगने के बाद अंदर फंसे छात्रों को बचाने के लिए इलाक के ही कुछ लोग फरिश्ता बनकर सामने आए। उन्होंने ऊपर से कूद रहे छात्रों की जान बचाने के लिए गद्दों और बैग का फर्श तैयार किया, जिससे कि छात्रों को ज्यादा चोट न लगे।

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दिल्ली के मुखर्जी नगर के एक कोचिंग सेंटर में लगी आग मसीहा बने स्थानीय लोग

इस कार्य में कुछ स्थानीय लोगों ने भी मदद का हाथ आगे बढ़ाया। अलग-अलग कोचिंग सेंटर के छात्र भी मौके पर पहुंच गए। इमारत के बाहर खड़े लोगों ने बताया कि उनके कोचिंग के शिक्षक आदित्य रंजन ने छात्रों के बैग नीचे डलवा दिए क्योंकि खिड़की के रास्ते और रस्सी के सहारे छात्र नीचे उतरने में लगे थे। ऐसे में कोई छात्र चोटिल न हो उसके लिए यह प्रयास किया गया। पानी की बोतलें भी डाली गईं।

आग के दौरान काफी छात्र चोटिल हुए हैं। इसमें किसी का पैर टूट गया तो कोई जल गया। घायल छात्रों को दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। इसमें निजी से लेकर सरकारी और नगर निगम के अधीन आने वाले अस्पताल शामिल है। प्राथमिक उपचार के बाद ज्यादातर को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

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लोक नायक अस्पताल में भी दो छात्र इलाज के लिए पहुंचे। इसमें एक छात्र के पैर में और दूसरी छात्रा को जल जाने की चोट है, जबकि बाबू जगजीवन राम में 24 छात्रों को इलाज के लिए लाया गया। इसमें तीन छात्रों की हालत गंभीर थी। जिसमें एक छात्र के रीढ़ की हड्डी में चोट थी। दूसरे छात्र को पैर में चोट आई थी। इन दोनों छात्रों को सफदरजंग अस्पताल में रेफर कर दिया गया। जबकि तीसरे गंभीर छात्र को लोकनायक अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया।

बाड़ा हिंदू राव अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि उनके यहां पर 32 छात्र इलाज के लिए पहुंचे थे। इसमें कुछ को छोड़कर बाकि को मामूली रूप से जल जाने की चोट है। हालांकि, एक छात्र के पैर में फ्रैक्चर, दूसरे छात्र के कमर की रीढ़ की हड्डी में चोट आई है। एक छात्रा थोड़ा गंभीर रूप से जली हुई है। जिसकी छाती और कंधे का हिस्सा जल गया है। साथ ही पैर में भी चोट लगी है।

उधर, आग वाली घटना के नजदीक स्थित न्यू लाइफ अस्पताल में भी घायलों को इलाज के लिए लाया गया। अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि 10-12 छात्र इलाज के लिए पहुंचे थे, जिनको प्राथमिक उपचार के बाद भेज दिया गया, लेकिन दो-तीन मरीज को गंभीर चोट थी।

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