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मणिपुर विधानसभा चुनाव में बेरोजगारी और विकास के मुद्दों पर लोगों का ध्यान केंद्रित करेगी BJP-कांग्रेस

मणिपुर में आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले गठबंधन से सत्ता वापस लेने की पुरजोर कोशिश में लगी है.

उग्रवादी हमलों के बाद होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में बेरोजगारी और विकास के मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित रहेगा. बीजेपी जो दो स्थानीय दलों एनपीपी और एनपीएफ के साथ हाथ मिलाकर सिर्फ 21 सीटों के बावजूद 2017 में सरकार बनाने में कामयाब रही थी.

बीजेपी का कहना है कि वह आगामी चुनावों में दो-तिहाई सीटें जीतना चाहती है. राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए दो चरणों में 27 फरवरी और तीन मार्च को चुनाव होगा. बीजेपी की मणिपुर इकाई के उपाध्यक्ष सी. चिदानंद ने बताया कि उनकी पार्टी का उद्देश्य ”60 सदस्यीय सदन में 40 से ज्यादा सीटें जीतना है.”

गठबंधन के भीतर दरार का संकेत देते हुए, चिदानंद ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया ”राज्य के पर्वतीय क्षेत्र (नगा जनजातियों के प्रभुत्व) में, मुख्य मुकाबला बीजेपी और नगा पीपुल्स फ्रंट (बीजेपी के वर्तमान गठबंधन सहयोगी) के बीच होगा.”

 

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