जल प्रलय ने उत्तराखंड के चमोली में जो विध्वंस किया उसकी तस्वीरें बेहद भयावह हैं. ग्लेशियर टूटने से आया सैलाब गुजर चुका है और अब रेसक्यू किया जा रहा है. चमोली हादसे को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बयान दिया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि सैलाब के बाद अब तक 203 लोग लापता है जिनकी तलाश लगातार जारी है, वहीं अभी तक 18 शव बरामद किये जा चुके हैं.
उन्होंने बताया कि सबसे बड़ा ऑपरेशन तपोवन पावर प्रोजेक्ट की टनल में चल रहा है जिसमें 30 से 40 मजदूर फंसे हैं. टनल 70 से 80 मीटर तक साफ हो चुकी है. सेना की इंजीनियर्स कोर टीम की मेहनत से टनल का मुंह खोला गया है, लेकिन दलदल और मलबा सबसे बड़ा चैलेंज है.
बता दें कि उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में रविवार को अचानक आई विकराल बाढ से दो पनबिजली परियोजनाओं में काम कर रहे 203 लोग लापता हो गए. 26 घंटे पहले चमोली में जल प्रलय आया था, सबसे बड़ी तबाही एनटीपीसी तपोवन प्रोजेक्ट में हुई है.
चमोली से टूटे ग्लेशियर ने ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट के बाद अपना शिकार एनटीपीसी तपोवन प्रोजेक्ट को ही बनाया था. यहां 30 से ज्यादा मजदूर अब भी इस टनल में फंसे हुए हैं. मलबा टनल के काफी अंदर जा घुसा है और लगातार जेसीबी से मलबे को हटाया जा रहा है.