बाराबंकी। तहसील रामसनेही घाट के अन्तर्गत ग्राम पूरे सुब्बा मजरे खरिका फूल निवासी त्रिभुवन दत्त व उनके पड़ोसी स्व हरिनाथ के पुत्र सुनील कुमार का विवाद सहन की भूमि पर नाली व रास्ते को लेकर दिवानी न्यायालय बाराबंकी में वर्ष 2008 से संचालित था।
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जिसकी पैरवी में सिविल न्यायालय बाराबंकी ने त्रिभुवन दत्त के हक में फैसला दे रखा है। उस आदेश में रास्ता न होने की बात स्वीकारी गयी थी, किन्तु विपक्षी स्व हरिनाथ ने सेशन कोर्ट बाराबंकी में अपील कर पूर्व के आदेश को निरस्त करवा दिया।
सेशन कोर्ट बाराबंकी के आदेश के विरूद्ध त्रिभुवन दत्त ने उच्च न्यायलय लखनऊ खण्ड पीठ में अपनी याचिका योजित की जो वर्तमान समय में न्यायालय में याचिका सं. 397/2014 विचाराधीन है। वहीं सगे भाई पुनीत व बालगोबिन्द के मध्य खाली आबादी की भूमि को लेकर पारिवारिक बटवारे के तहत सिविल न्यायालय बाराबंकी कोर्ट सं. 20 पर वाद विचाराधीन है ऐसे विवादित स्थल पर खण्डंजा न लगाने के निर्देश खण्ड विकास अधिकारी बनीकोडर ने 27 अप्रैल 2023 को ग्राम पंचायत अधिकारी खरिका फूल को दिये थे।
इसके बाद भी विपक्षीयों ने असन्द्रा पुलिस की मिली भगत से बीती 29 अप्रैल 2023 को पुलिस की मौजूदगी में खड़ंजा बिछवा दिया। मौके पर मौजूद पीडित की पुत्री ने फोन द्वारा जिले के अधिकारियों को सूचित किया, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। जबकि पुलिस महानिदेशक लखनऊ के आदेश व प्रमुख सचिव राजस्व के आदेशों में स्पष्ट निर्देश हैं कि निजी पछकारों के मध्य किसी न्यायालय में वाद कार्यवाही विचाराधीन है तो प्रशासनिक कार्यवाही न की जाए।
इन सब आदेशों के बावजूद असन्द्रा थाने की पुलिस ने विपक्षी एवं ग्राम प्रधान की सांठगांठ से निजी विवादित भूमि पर आनन फानन में वहां पहले से रखे ईटों का खड़ंजा लगा दिया। यही नही विपक्षी त्रिभुवन दत्त को थानाध्यछ असन्द्रा द्वारा धमकी दी गई कि यदि खण्डंजा उखाडने के बावत कोई कार्यवाही की तो इतने फर्जी मुकदमें दर्ज कर दूंगा की परेशान हो जाओगे। थाना प्रभारी असन्द्रा की कार्यवाही से परेशान त्रिभुवन दत्त ने उच्च अधिकारियों को शिकायती प्रार्थना पत्र देकर पुलिस कर्मियों के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की है।
रिपोर्ट-अरविन्द शुक्ला