न्यूट्रीशनिस्ट एंड डाइटीशियन के अनुसार एक भारतीय थाली में गेहूं की रोटी, चावल, दाल, सब्जी, चटनी, रायता (दही) पापड़ आदि होने चाहिए.रोटी बनाने के लिए सिर्फ गेहूं ही नहीं बल्कि कभी मक्का, बाजरा, रागी या कई प्रकार के मिले-जुले अनाजों का आटा इस्तेमाल करें.
मक्खन या शुद्ध घी लगी हुई गेहूं की गर्म रोटी या परांठे, ब्रेड या अन्य विकल्पों की तुलना में ज्यादा पौष्टिक हैं. हल्की मोटी पिसाई वाला, चोकरयुक्त, ऑर्गेनिक और हल्का भूरा दिखने वाला आटा चुनें. इसमें फाइबर, विटामिन-बी, कैल्शियम, आयरन व जिंक ज्यादा होते हैं जिससे बनी रोटी को अच्छी तरह चबाकर खाना चाहिए.
रोटी व सब्जी का अनुपात 1:2 रखें ताकि फाइबर के अतिरिक्त प्रोटीन और मिनरल भी मिलते रहें. मिक्स या भिन्न-भिन्न दाल व धनिया, पुदीना या टमाटर की चटनी के अतिरिक्तदही खाएं जो एक अच्छा प्रोबायोटिक है. ये शरीर में पाचनक्षमता को मजबूत रखने वाले बैक्टीरिया की संख्या को बढ़ाने में मदद करता है.