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बिना फिटनेस के नहीं दौड़ेंगी बसें

लखनऊ. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक के. रविन्द्र नायक ने परिवहन मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह निर्देशानुसार सभी क्षेत्रीय प्रबन्धकों एवं सेवा प्रबन्धकों को बसों को फिटनेट के बिना मार्ग पर न संचालित करने का आदेश जारी किया है।

प्रबंध निदेशक के आदेश में कहा गया है कि संचालित वाहनों का आरआई फिटनेस समय से करा लिया जाये।साथ ही बिना आरआई फिटनेस के कोई भी वाहन मार्ग पर संचालित न किया जाए। वाहनों की बस बाडी दशा अच्छी हो,चादरें फटी न हो,वाहनों की पेन्टिग अन्दर एवं बाहर से तथा सीटें अच्छी दशा में हो,बम्फर और ग्रिल लगे हो। वर्षा ऋतु से पूर्व उन सभी बसों में जिनमें लीकेज हो यथा सम्भव तारफेल्ट तथा छिद्रों में सीलेन्ट का प्रयोग कर वाहनों की छतों को लीक प्रूफ बनायें। समस्त बसों की खिड़कियों में शीशे लगे हों ताकि बरसात होने पर यात्रियों को परेशानी का सामना न करना पड़े। वाहनों में वाइपर और मशीन लगे हों तथा वाइपर दोनों विन्ड स्क्रीन पर कार्यरत हों। वाइपर ब्लेड की लम्बाई सही साइज की हो जिससे वर्षा होने पर चालक को संचालन में असुविधा न हो। सभी बसों के इमरजेन्सी गेट ठीक स्थिति में हो, इनके डोर लॉक आवश्यकतानुसार खुलने में कठिनाई न हो तथा इनका ग्रीसिंग व आयलिंग समय-समय पर किया जाता रहें। इमरजेन्सी गेट प्रतिदिन खोल के चेक किया जाये।

कुछ पुरानी बसों में पिछले शीशें को ग्रील द्वारा कवर किया गया था उन्हें वाहनों से अब उतार दिया जाये जिससे किसी अप्रिय स्थिति में परेशानी न हों। वाहनों में विद्युत वायरिंग की दशा ठीक हो,खुले हुए तार लटकते न रहे,हेडलाइट, बैकलाइट,साइड इन्डिकेटर एवं विद्युत हार्न सही दशा में कार्यरत हो तथा रेफलेक्टिव टेप निर्धारित स्थान पर लगे हों। वाहनों में स्पीडोमीटर कार्यरत हो तथा वाहन में स्पीड कन्ट्रोल डीवाइस लगे हो। टायरों की दशा ठीक हो, टायर घिसे-पिटे न हो। वाहनों में अग्नि शमन यन्त्र ठीक दशा में लगे हों एवं फर्स्ट ऐड बाक्स में आवश्यक प्राथमिक उपचार की समाग्री उपलब्ध हों। वाहनों के तकनीकी दशा को स्वस्थ रखने हेतु निर्धारित मेन्टीनेन्स को समय से कराया जाना सुनिश्चित किया जाये। वाहनों के स्टेयरिंग एवं ब्रेक सिस्टम का विशेष रूप से ध्यान रखा जायें।

आदेश के अनुसार,वाहनों की दुर्घटना में मानव जनित कारण पाये गये हैं। इसलिए आवश्यक है कि वाहनों को संचालित करने वाले चालकों के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाये। समय-समय पर कैम्प लगातर डिपो स्तर एवं क्षेत्रीय स्तर पर चालकों का वाहन संचालन एवं दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु काउन्सलिंग किया जाये। चालकों को नियंत्रित गति में वाहन संचालित न करने, यातायात नियमों का पालन न करने, गलत तरीके से ओवरटक करने एवं बस संचालन के समय मोबाइल से बात किये जाने के प्रति होने वाले खतरों के बारे में सचेत करते हुए सही संचालन हेतु कड़ाई से निर्देशित किया जाए। मानव रहित रेलवे क्रासिंग को पार करते समय एवं खराब सड़क पर संचालन करते समय चालकों को विशेष संयम व सावधानी बरतनी हेतु भी निर्देशित किया जाए।  इसके साथ ही उन चालकों को चिन्हित किया जाये जो नशे की हालत में बस संचालित करते हैं।

आदेश में कहा गया है कि बस दुर्घटना प्रायः दो बजे से लेकर छह बजे मे मध्य हो रही है। रात्रिकालीन सेवाओं में चालकों द्वारा मार्ग पर पड़ने वाले ढ़ाबों पर गरिष्ठ भोजन एवं प्रतिबन्धित पेय के प्रयोग की सम्भावना बनी रहती है, जिससे दुर्घटना होने की सम्भावना रहती है। बसों की रात्रि चेकिंग के दौरान चेकिंग दलों द्वारा इस पर विशेष रूप से चेकिंग की जाये।

 

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