कलकत्ता उच्च न्यायालय ने संदेशखाली छापेमारी मामले में बंगाल सरकार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाने का निर्देश दिया है। ईडी ने बताया कि छापेमारी के दौरान उनके अधिकारियों पर हमला किया गया था, जिसमें उनके तीन अफसर घायल हो गए।
यह घटना पांच जनवरी को घटी, जब ईडी के अधिकारी उत्तर 24-परगना में राशन घोटाला मामले के तहत तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां के आवास पर छापेमारी करने पहुंचे। ईडी काउंसिल ने अदालत को बताया कि उन्हें मालूम चला है कि इस घटना के संदर्भ में चार मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि एक मामला ईडी की तरफ से अधिकारियों के साथ हुई हिंसा को लेकर दर्ज कराया गया था, तो वहीं बाकी के तीन मामले उनके अधिकारियों के खिलाफ दर्ज किए गए थे। जस्टिस जय सेनगुप्ता ने कहा कि ईडी के अधिकारियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर के तहत कोई भी दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाएगा।
क्या था पूरा मामला
बता दें कि पांच जनवरी को राशन वितरण घोटाला मामले की जांच के तहत टीएमसी नेता शाहजहां शेख के आवास पर छापेमारी के दौरान उनके समर्थकों ने अधिकारियों पर हमला कर दिया। इस हमले में ईडी के तीन अधिकारी घायल हो गए थे। ईडी ने इस मामले पर शिकायत दर्ज कराई है। वहीं, केंद्रीय जांच एजेंसी के खिलाफ टीएमसी नेता और राज्य पुलिस ने अन्य पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया है। ईडी अधिकारियों पर हुए हमले के बाद से ही तृणमूल नेता शाहजहां शेख फरार है। जांच एजेंसियां उसकी तलाश में जुटी हैं, लेकिन अभी तक वह कानून की गिरफ्त से बाहर है।