केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि केंद्र सरकार चेन्नई मेट्रो फेज-2 परियोजना की अनुमानित लागत का 65 प्रतिशत वित्तपोषित करेगी, जो कुल मिलाकर 41,000 करोड़ रुपये से अधिक होगी। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार चेन्नई मेट्रो फेज-2 की अनुमानित लागत का लगभग 65 प्रतिशत वित्तपोषित करेगी। इसमें 33,593 करोड़ रुपये का पूरा आवश्यक ऋण, 7,425 करोड़ रुपये की इक्विटी और अधीनस्थ ऋण शामिल होगा। वहीं अनुमानित लागत का शेष 35 प्रतिशत राज्य सरकार की तरफ से वित्तपोषित किया जाएगा।
इस बयान में कहा गया है, बहुपक्षीय और द्विपक्षीय विकास एजेंसियों से लिए गए ऋणों को केंद्र सरकार को दिए गए ऋण के रूप में माना जाएगा और केंद्र सरकार के बजट से सीधे चेन्नई मेट्रो रेल लिमिटेड (सीएमआरएल) को प्रदान किया जाएगा। अब तक, इस परियोजना को ‘राज्य क्षेत्र’ परियोजना के रूप में क्रियान्वित किया जा रहा था, जिसमें परियोजना वित्तपोषण की जिम्मेदारी मुख्य रूप से अनुमानित परियोजना लागत के लगभग 90 प्रतिशत की सीमा तक तमिलनाडु सरकार पर थी।
मेट्रो रेल नीति 2017 के अनुसार, केंद्र सरकार की भूमिका भूमि लागत और कुछ अन्य मदों को छोड़कर परियोजना लागत का 10 प्रतिशत वित्तपोषित करना था। हालांकि, केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को द्विपक्षीय और बहुपक्षीय एजेंसियों से सीधे राज्य सरकार को ऋण के रूप में 32,548 करोड़ रुपये जुटाने में भी सहायता की थी, जिसमें से अब तक लगभग 6,100 करोड़ रुपये का उपयोग किया जा चुका है।
केंद्र की तरफ से परियोजना को मंजूरी दिए जाने से पहले, परियोजना के लिए ऋण वित्तपोषण प्रदान करने या व्यवस्था करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार पर थी। वित्त मंत्रालय ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी से राज्य सरकार के बजटीय संसाधन 33,593 करोड़ रुपये की सीमा तक अन्य विकास गतिविधियों को वित्तपोषित करने के लिए मुक्त हो गए हैं।
मंत्रालय ने कहा, केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के अनुसरण में, वित्त मंत्रालय द्विपक्षीय और बहुपक्षीय एजेंसियों, जैसे जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी, एशियाई विकास बैंक, एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक और न्यू डेवलपमेंट बैंक से ऋण और परियोजना समझौतों पर फिर से बातचीत करने के लिए संपर्क करेगा। ऋण के पुनर्भुगतान की जिम्मेदारी कंपनी (सीएमआरएल) पर होगी।