एक ओर देश का अन्नदाता पिछले 44 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर अपनी जायज़ मांगों के समर्थन में डटा हुआ है। वहीं देश की निरंकुश, संवेदनहीन और निष्ठुर केंद्र सरकार ग़रीब किसान व मध्यम वर्ग की कमर तोड़ने में जुटी है। लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने पेट्रोल, डीजल रसोई गैस के दाम में हुई बढ़ोतरी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दाम में हुई बढ़ोतरी से आम आदमी की कमर टूट गई है।
महंगाई से परेशान नागरिकों पर लगातार बढ़ती कीमतों के कारण दोहरी मार पड़ी रही है। केंद्र सरकार को तत्काल पेट्रोल-डीजल के दाम और राज्य सरकार को बिजली की दरें कम करनी चाहिए।दूसरी तरफ किसान परेशान होकर सड़क पर उतरे हैं, तो वहीं अब पेट्रोल-डीजल की मूल्य वृद्धि से लोगों को परेशान करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने मांग की है कि देशवासियों को राहत पहुंचाने का कदम सरकार उठाए। साथ ही तीनों कृषि कानूनों को भी वापस लिए जाने का आग्रह किया है।
एक ओर देश का अन्नदाता पिछले 44 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर अपनी जायज़ मांगों के समर्थन में डटा हुआ है। वहीं देश की निरंकुश, संवेदनहीन और निष्ठुर भाजपा सरकार ग़रीब किसान व मध्यम वर्ग की कमर तोड़ने में जुटी है। सुनील सिंह ने कहा कि कोरोना की चौतरफ़ा मार से ध्वस्त अर्थव्यवस्था के बीच केंद्र सरकार अपना ख़ज़ाना भरने के लिए आपदा को अवसर बनाने में लगी है। आज कच्चे तेल की क़ीमत 50.96 डॉलर प्रति बैरल है यानी मात्र 23.43 रुपये प्रति लीटर। इसके बावजूद डीजल 74.38 रुपये और पेट्रोल 84.20 रुपये प्रति लीटर में बेचा जा रहा है। ये पिछले 73 साल में सबसे अधिक है।
अंतराष्ट्रीय बाज़ार में क़ीमतें कम होने के बावजूद सरकार ने आम उपभोक्ता को इसका लाभ देने की बजाय उत्पाद शुल्क में बेतहाशा बढ़ोतरी करके मुनाफ़ा वसूली के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पिछले साढ़े छह सालों में केंद्र सरकार ने उत्पाद शुल्क बढ़ा कर लगभग 19 लाख करोड़ आम जनता की जेब से वसूले हैं सरका ने गैस सिलेंडर के दामों को भी बेतहाशा बढ़ाकर हर घर का बजट बिगाड़ दिया है। उन्होंने कहा पेट्रोल व डीज़ल पर उत्पाद शुल्क की दरें संप्रग सरकार के समान करे और त्रस्त जनता को तत्काल राहत प्रदान करें।