भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रेरक प्रसंगों से प्रेरणा लेना वर्तमान पीढ़ी का दायित्व होता है। क्योंकि इससे निःस्वार्थ राष्ट्रभक्ति की प्रेरणा मिलती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसके प्रति सजग रहते है। मुख्यमंत्री बनने के बाद बाल गंगाधर तिलक के ऐतिहासिक उद्घोष की शताब्दी जयंती के आयोजन कराया था। बाल गंगा धर तिलक ने लखनऊ में ही स्वतन्त्रता हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है,और हम इसको लेकर रहेंगे,,का उद्घोष किया था।
योगी आदित्यनाथ ने उस शताब्दी समारोह से आमजन को जोड़ने का कार्य किया था। इसी प्रकार वह चौरी चौरा प्रकरण के शताब्दी समारोह के प्रति सजग है। पिछले दिनों उन्होंने राज्यपाल की अध्यक्षता में इस पर विचार हेतु समिति के गठन का सुझाव दिया था। योगी की कार्यशैली के अनुरूप न्यूनतम समय में समिति भी गठित हो गई। इतना ही नहीं इस समिति की बैठक का भी आयोजन हो गया।
भव्य होगा शताब्दी समारोह
इस बैठक में राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने कहा कि कार्ययोजना बनाकर चौरी चौरा शताब्दी समारोह पूरी भव्यता के साथ आयोजित किया जाए। यह आयोजन लोगों में राष्ट्र भक्ति और देशप्रेम की भावना जगाने में सहायक होगा। समारोह के कार्यक्रम इस प्रकार से आयोजित किए जाएं कि सभी को चौरी चौरा की घटना तथा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सम्बन्ध में समग्र जानकारी प्राप्त हो सके। इन कार्यक्रमों का आयोजन सबके सहयोग से पूरी जनसहभागिता के साथ किया जाए।
गांवों में शहीद स्मारक
राज्यपाल ने गांवों में शहीद स्मारक निर्मित किए जाने का सुझाव दिया। कहा कि इन स्मारकों में शहीदों व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम उल्लिखित किए जाएं। शहीदों के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान करने वाली पुस्तिकाओं का भी प्रकाशन किया जाए। शिक्षण संस्थानों में शहीदों की प्रतिमाएं स्थापित की जाएं। जिससे विद्यार्थियों को प्रेरणा मिल सके। उन्होंने कहा कि शहीदों के परिजनों के सम्मान समारोह आयोजित किए जाएं। किसानों सहित ऐसे लोगों का भी सम्मान किया जाए,जिन्होंने गांव में सामाजिक विकास तथा शैक्षणिक उन्नयन आदि के लिए कार्य किया है।
एक भारत श्रेष्ठ भारत की संकल्पना
चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव’ का ‘लोगो’ जारी किया गया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह एक अच्छी शुरुआत है। उन्होंने कहा कि 1857 के स्वतंत्रता संग्राम से स्वातंत्र्य समर का शुभारम्भ हुआ। देश के स्वाधीनता आन्दोलन में सन 1922 की चौरी चौरा की घटना महत्वपूर्ण कड़ी बनी। इसी प्रकार,काकोरी एवं अन्य घटनाओं ने भी स्वतंत्रता आन्दोलन को दिशा देते हुए सन 1947 में भारत को आजाद कराया। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘चौरी चौरा शताब्दी समारोह’ 04 फरवरी, 2021 से लेकर 04 फरवरी, 2022 तक आयोजित होगा। चौरी चौरा की घटना का शताब्दी वर्ष समारोह शहीदों व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के प्रति श्रद्धा निवेदित करने का अवसर है। ‘चौरी-चौरा शताब्दी समारोह’ के अन्तर्गत वर्ष भर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
राज्य के सभी जनपदों में स्वाधीनता आन्दोलन अथवा देश की रक्षा में शहीद हुए भारत माता के सपूतों के स्मारक स्थित हैं। इन शहीद स्मारकों पर चौरी-चौरा की घटना को केन्द्र में रखते हुए शताब्दी समारोह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। इससे चौरी-चौरा की घटना के सम्बन्ध में आम जनमानस सहित युवा पीढ़ी को तथ्यपरक जानकारी मिलेगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि शताब्दी समारोह के तहत स्कूलों में निबन्ध लेखन,वाद-विवाद, पेण्टिंग आदि प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। साथ ही, प्रदर्शनियां,पुस्तक मेला तथा अन्य कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ‘एक भारत,श्रेष्ठ भारत’की संकल्पना को साकार करेंगे।
चौरी चौरा पर शोध कार्य
उप मुख्यमंत्री डाॅ दिनेश शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि चौरी चौरा शताब्दी समारोह का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए। इस सम्बन्ध में कविता, गीत के अलावा अन्य प्रकाशन किए जाएं। विश्वविद्यालयों में इससे सम्बन्धित शोध कार्य को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि अज्ञात शहीदों के योगदान को भी उजागर करते हुए, उनके परिजनों को सम्मानित करने का कार्य किया जाना चाहिए।