देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण कई राज्यों में करीब दो महीने से लागू लॉकडाउन से भारी राजस्व संकट के बीच केंद्र सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक 2.1 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया है, जो एक साल पहले की तुलना में 55 फीसदी अधिक है.
केयर रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने शुक्रवार को कहा कि चुनौती के इस समय में आरबीआई ने बांड पर प्रतिफल का अच्छा प्रबंध किया जिससे सरकार के लिए कर्ज लेने की लागत कम रही.
उन्होंने कहा कि 2.1 लाख करोड़ रुपये का यह कर्ज, पूरे वर्ष के लिए सरकार द्वारा किए जाने वाले 12.05 लाख करोड़ रुपये कर्ज के बजट अनुमान का 17.5 प्रतिशत तथा पहली छमाही के में जुटाए जाने वाले 7.24 लाख करोड़ रुपये के कर्ज का 30 प्रतिशत है.
उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा इस वित्त वर्ष में लिया गया अब तक का कर्ज पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 55 प्रतिशत अधिक है. इसके लिए अधिकांश राज्यों में लॉकडाउन के चलते राजस्व में कमी जिम्मेदार है.