यूके में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है. वहां लगातार कोरोना के नये मामले बढ़ते जा रहे हैं. शुक्रवार को यूके में दो महीने बाद सबसे अधिक मामले सामने आये हैं. एक अप्रैल के बाद एक बार फिर से यहां पर 4,182 मामले सामने आये हैं. इसके साथ ही यूक में एक सप्ताह में कोरोना संक्रमितों की संख्या 20,765 हो गयी है. जो पिछले सप्ताह के मुकाबले 24 फीसदी ज्यादा है. बढ़ते मामलों को देखते हुए यूके के वैज्ञानिक इसे तीसरी लहर की आशंका बता रहे हैं.
जानकारों का कहना है कि यूके में जो नये मामले सामने आ रहे हैं इनमें कोरोना का नया वेरिएंट B.1.617.2 के लक्षण मिल रहे हैं. यह भारत में पाया गया था. इसके कारण यह काफी तेजी से फैल रहा है. जबकि अगर वैक्सीनेशन की बात करें तो यूके में बड़े पैमाने पर लोगों का वैक्सीनेशन किया गया है. तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए सरकार अब इंग्लैंड में लॉकडाउन के ढील देने के फैसले पर फिर से विचार कर रही है.
सरकार द्वारा जारी वैक्सीनेशन के आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार तक ब्रिटेन की 58 फीसदी आबादी को कोरोना वैक्सीन का पहला टीका लग चुका है, जबकि 35 फीसदी आबादी को कोरोना वैक्सीन का दोनों टीका लग चुका है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जेम्स नाइस्मिथ ने कहा कि बढ़ते मामलों को देख कर लग रहा है कि हम कोरोना के तीसरे लहरा का सामना करेंगे. हालांकि उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना का जो वेरिएंट पाया गया है वह सिर्फ उस आबादी तक ही सीमित रहेगा जिनका टीकाकरण नहीं हो पाया है. उनका यह भी मानना है कि इसके गंभीर परिणाम नहीं होंगे.
हालांकि यूके के लिए चिंता की बात यह है कि कोरोना के नये वेरिएंट के खिलाफ उनका वैक्सीन कितना कारगर होगा. पर इससे भी बड़ी चिंता भारत के लिए है क्योंकि यूके के मुकाबले भारत में सिर्फ 3.1 फीसदी आबादी का ही टीकाकरण हो पाया है. सरकार के मुताबिक देश के 20 करोड़ लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है. पर मात्र चार करोड़ लोगों को ही दूसरी डोज दी गयी है.
यूके में ज्यादातर संक्रमितों की संख्या युवाओं की है ऐसे में भारत के लिए खतरा बन सकता है. क्योंकि वैज्ञानिक पहले से ही यह बता चुके हैं कि कोरोना की तीसरी लहर से युवा सबसे अधिक प्रभावित होंगे. इसके मुकाबले भारत की युवा आबादी का वैक्सीनेशन बहुत ही कम हुआ है.