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जुर्माना वसूलने में मध्य रेलवे सबसे आगे, साल में ₹300 करोड़ राजस्व; 46.26 लाख बार टूटे नियम

मध्य रेलवे ने 2023-24 में बिना टिकट और अनियमित यात्रा और बिना बुक किए गए सामान के 46.26 लाख मामलों में कार्रवाई की है। 46.26 लाख मामलों में जुर्माने से मध्य रेलवे ने 300 करोड़ रुपये कमाए हैं, जो रेलवे के सभी क्षेत्रों से अधिक है। एक विज्ञप्ति के अनुसार, मध्य रेलवे ने कहा कि इस साल राजस्व के लक्ष्य 265.97 करोड़ में 12.80 प्रतिशत का इजाफा हुआ है तो वहीं, मामलों के लक्ष्य में 8.38 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

इस डिविजन ने कमाया इतना राजस्व
मध्य रेलवे ने दावा किया है कि जुर्मानों और राजस्व के मामलों में उन्होंने सभी जोनों में प्रथम स्थान हासिल किया है। मध्य रेलवे के मुंबई डिविजन ने बिना टिकट और अनियमित यात्रा करने वाले 20.56 लाख मामलों से 115.29 करोड़ रुपये कमाए हैं। भुसावल डिवीजन ने 8.34 लाख मामलों से 66.33 करोड़ रुपये कमाए है। वहीं, नागपुर डिविजन ने 5.70 लाख मामलों से 34.52 करोड़ रुपये, सोलापुर डिविजन ने 5.44 लाख मामलों से 34.57 करोड़ रुपये, पुणे डिविजन ने 3.74 लाख मामलों से 28.15 करोड़ रुपये और इसके मुख्यालय ने 2.47 मामलों से 20.96 करोड़ रुपये कमाए हैं।

सुनील नैनानी ने वसूला सबसे अधिक जुर्माना
मध्य रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि हमारे पास 22 टिकट चेकिंग स्टाफ है, जिसमें दो महिलाएं परीक्षक भी शामिल हैं। टिकट चेकिंग आय के रूप में व्यक्तिगत रूप से उन्होंने 1 करोड़ रुपये से अधिक का योगदान दिया। व्यक्तिगत योगदान के मामले में टिकट निरीक्षक सुनील नैनानी प्रथम स्थान पर हैं, जिन्होंने 20,117 मामलों में 1.92 करोड़ का राजस्व दिया है। दूसरे स्थान पर टिकट निरीक्षक एमएम शिंदे हैं, जिन्होंने 18,223 मामलों से 1.59 करोड़ रुपये कमाए हैं तो वहीं, तीसरे स्थान पर निरीक्षक धर्मेंद्र कुमार है, जिन्होंने 17,641 मामलों से 1.52 करोड़ रुपये कमाए हैं।

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