नई दिल्ली। लोकसभा में केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश हुआ, इसमें संघ राज्य क्षेत्र लद्दाख में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रावधान है। लद्दाख में प्रस्तावित केंद्रीय विश्वविद्यालय का नाम ‘सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय रखने का उपबंध इसमें किया गया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सदन में विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के बीच ‘केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया गया। इस दौरान, रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के सदस्य एन.के. प्रेमचंद्रन और कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने हंगामे के बीच विधेयक पेश करने का विरोध किया। प्रेमचंद्रन ने कहा कि सदन में व्यवस्था बनने पर ही विधेयक पेश होना चाहिए। कांग्रेस नेता तिवारी ने कहा कि सदन में अव्यवस्था के बीच विधेयक पेश करना ‘असंवैधानिक है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले दिनों लद्दाख में केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, इसमें 750 करोड़ रूपये लागत आने की बात कही गई थी। इस विश्वविद्यालय का पहला चरण चार वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि ‘केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009 विभिन्न राज्यों में शिक्षा और अनुसंधान के लिए विश्वविद्यालयों की स्थापना करने और उन्हें निगमित करने तथा उससे संबंधित विषयों को अधिनियमित करने का उपबंध करने के लिए बनाया गया था।
इसमें कहा गया है कि लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र में कोई केंद्रीय विश्वविद्यालय नहीं है, इस कारण सरकार ने लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र में एक नया केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का निश्चय किया है। विधेयक के उद्देश्यों में कहा गया है कि इससे क्षेत्र में उच्च शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता को बढ़ाया जा सकेगा।