• 29 जनवरी को होगी कार्यकारिणी की बैठक, मांगों पर नहीं हुआ निर्णय तो होगा आंदोलन
लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने आज लखनऊ में संयुक्त सचिव अरुणा शुक्ला, उपाध्यक्ष ओम प्रकाश पांडे, नारायण जी दुबे, विजय श्याम तिवारी, आदित्य नारायण झा, अर्पणा अवस्थी, मयंक सिंह, डा हरिजिंदर सिंह, हिमांशु वैष्णव के साथ आज बरेली एवं मुरादाबाद मंडल के बैठकों की समीक्षा किया। जेएन तिवारी ने एक विज्ञप्ति में अवगत कराया है कि मंडलीय बैठकों में कर्मचारियों की समस्याओं का मंथन करने के बाद यह निष्कर्ष निकल कर आ रहा है कि जनपद स्तर पर कर्मचारियों की समस्याएं लंबित पड़ी हुई है।
उनका संज्ञान विभागीय अधिकारी एवं जिलाधकारी नहीं ले रहे हैं, जबकि मुख्य सचिव के स्तर से कर्मचारी संगठनों के साथ बैठक कर समस्याओं के निस्तारण के कई निर्देश जारी किए जा चुके है। प्रदेश स्तर पर भी सरकार केवल राजनीतिक एजेंडे पर कार्य कर रही है। कर्मचारियों की समस्याओं पर सरकार का ध्यान नहीं है।
19 मई को अपर मुख्य सचिव कार्मिक ने संयुक्त परिषद के साथ वार्ता किया था परंतु वार्ता में लिए गए निर्णय के पक्ष में कोई आदेश नहीं हुआ। मुख्य सचिव से लगातार वार्ता का अनुरोध किया जा रहा है परंतु मुख्य सचिव स्तर पर वार्ता नहीं हो रही है ।14 नवंबर को संयुक्त परिषद की वार्ता मुख्य सचिव के साथ निश्चित थी लेकिन वह भी स्थगित हो चुकी है।
जेएन तिवारी ने अवगत कराया कि आउट सोर्स एवं संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण, समाज कल्याण जनजाति विकास विभाग आश्रम पद्धति विद्यालयों में सृजित पदों के सापेक्ष कार्यरत संविदा शिक्षकों का नियमितीकरण, चकबंदी विभाग के सहायक चकबंदी अधिकारी, आईटीआई के अनुदेशक के पदों को राजपत्रित प्रतिष्ठा प्रदान किया जाना, वेतन समिति की संस्तुतियों के अनुसार मुख्य सचिव समिति द्वारा वेतन विसंगतियों पर निर्णय कराया जाना, संविदा कर्मचारियों को वेतन समिति की संस्तुति के क्रम में सातवें #वेतन आयोग का लाभ दिया जाना, नई #पेंशन योजना में केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर संशोधित आदेशों का उत्तर प्रदेश में लागू कराया जाना, नगर प्रतिकर भत्ता बहाल कराया जाना सहित संयुक्त परिषद की 26 सूत्री मांगों पर शासन निर्णय नहीं कर रही है।
संयुक्त परिषद ने यद्यपि शासन केसाथ सौहार्द पूर्ण वातावरण में कार्य करने का निर्णय लिया था परंतु उच्च स्तर पर बनी हुई संवाद हीनता एवं कर्मचारियों की मांगों की उपेक्षा के चलते कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। 29 जनवरी को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की बैठक लखनऊ में प्रस्तावित है, जिसमें आगे की रणनीति पर विचार कर आंदोलन का निर्णय लिया जा सकता है।
जेएन तिवारी ने अवगत कराया है कि संसाधनों में कमी के चलते सरकार ने नगर प्रतिकर भत्ता का भुगतान रोका था परंतु अब राजस्व की स्थिति बेहतर हो जाने के बाद भी भुगतान नहीं किया जाना कर्मचारियों के प्रति सरकार की मंशा को स्पष्ट कर रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से कर्मचारियों के मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने एवं 2001 के बाद #संविदा पर नियुक्त सभी कर्मचारियों एवं शिक्षकों का नियमितीकरण नियमावली बनाकर कराया जाना सुनिश्चित करने की मांग किया है।