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पवित्र और पुण्य लाभ देने वाला है चैत्र माह

विक्रम संवत 2078 का पहला मास यानि चैत्र मास सनातन धर्म के लिए विशेष महत्व रखता है। इस महीने के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तद्नुसार 13 अप्रैल से नवरात्रि का पवित्र त्यौहार प्रारम्भ होता है। इन नौ दिनों में श्रद्धालु माता के नौ स्वरूपों के दर्शन और पूजन करके पुण्यलाभ प्राप्त करते हैं।

इसी महीने की अष्टमी तिथि को महाष्टमी का त्यौहार भी मनाया जाता है। इस बार यह तिथि 20 अप्रैल को है। सनातन धर्मावलंबी गौ माता में सभी देवी देवताओं के दर्शन और पूजन करके पुण्य कमाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि चैत्र शुक्ल अष्टमी के दिन माँ गौरी ने अपने भक्तों को गौ स्वरूप में दर्शन दिए थे दर्शन दिए थे। हालांकि ऐसी भी मान्यता है कि नौ देवियों में महागौरी की सवारी गऊ माता हैं। किन्तु सनातन धर्म में गऊ का अपना विशेष महत्व है।

जिस प्रकार धरती माता को इस पृथ्वी पर सभी प्राणियों की जन्मदात्री माना जाता है, उसी प्रकार गऊ माता को भी सभी प्राणियों की जीवनदात्री अर्थात जीवन देने वाला और पालन पोषण करने वाला माना गया है। विद्वान कहते हैं कि हमारे आधुनिक जीवन में भी यदि ध्यान से देखा जाए तो गऊ माता के दूध, गोबर और मूत्र से जीवन की ऊर्जा प्राप्त होती है। गऊ का गोबर और मूत्र जहाँ एक ओर पर्यावरण के लिए लाभकारी है वहीं दूसरी ओर धनधान्य को भी बढ़ाने वाला है।

मानव को पूर्णायु अर्थात दीर्घायु प्राप्त करने के शुद्ध वातावरण, शुद्ध भोजन और विशुद्ध धन की आवश्यकता होती होती है। गऊ माता हमारी इन सभी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हैं। सनातन धर्म में श्रद्धालु भक्त अष्टमी तिथि को पूरे दिन ब्रत उपवास रखने के बाद दूसरे दिन अर्थात नवमी के दिन अपने व्रत का पारायण करते हैं। अष्टमी और नवमी को नौ कन्याओं के पूजन और भोजन कराने का भी विधान है।

विक्रम संवत 2078 की नवमी तिथि इस बार 21 अप्रैल को है। नवमी तिथि वैसे तो नवरात्रि के समापन और नौ दुर्गा व्रत के पूर्णाहुति का दिन माना जाता है। किन्तु इसी दिन भगवान श्री राम का जन्म भी हुआ था। सनातन धर्म में इस दिन भगवान श्री राम का जन्मोत्सव बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। चैत्र माह व्रत उपवास उत्सव हर्षोल्लास और पुण्यलाभ का महीना है।

इस अलौकिक महीने का महत्व तब और बढ़ जाता है, जब भक्त और भगवान दोनों का जन्मदिन इसी महीने में होता है। भगवान श्री राम के अनन्य भक्त महाबली वीर हनुमान का जन्म चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हुए था। इस बार हनुमान जयंती 27 अप्रैल (मंगलवार) को है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि चैत्र माह प्रत्येक दृष्टि से पवित्र और पुण्यलाभ देने वाला है। इस माह में नवदुर्गा, गऊ माता, प्रभु श्री राम और वीर बजरंगी के दर्शन और पूजन का अवसर प्राप्त हो रहा है।

दया शंकर चौधरी

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