नई दिल्ली। सरकार ने अमेरिकी रिटेल कंपनी वालमार्ट और फ्लिपकार्ट डील में अनिमितताओं के आरोपों की जांच को संबंधित विभाग भेज दिया है। व्यापार संगठनों ने इस सौदे को नियमों के विरुद्ध बताते हुए सरकार से हस्तक्षेप की मांग की थी। लोकसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय वाणिज्य एवं औद्योगिक राज्य मंत्री सीआर चौधरी ने बताया कि कई व्यापार संगठनों ने फ्लिपकार्ट-वालमार्ट सौदे के तौर-तरीकों पर सवाल उठाया है।
फ्लिपकार्ट-वालमार्ट सौदे को लेकर
उन्होंने बताया कि फ्लिपकार्ट-वालमार्ट सौदे को लेकर उन्हें एक आरोप पत्र मिला है, जिसमें आरोप लगाया गया कि ई-कॉमर्स क्षेत्र में एफडीआइ पॉलिसी के नियमों और दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया गया है। उन्होंने कहा कि वालमार्ट की ओर से फ्लिपकार्ट के शेयरों के अधिग्रहण के मामले में कई चरणों पर अनिमितताओं के आरोप लगाए गए है।
अमेरिकी रिटेल कंपनी वालमार्ट ने मई 2018 में फ्लिप कार्ट के 77 फीसदी शेयर खरीद कर कंपनी के अधिग्रहण का एलान किया था। यह सौदा 20.8 अरब डॉलर में हुआ था।
खुदरा व्यापार संगठन कैट ने 23 जुलाई को दिल्ली में आयोजित अपने तीन दिवसीय सम्मेलन में सरकार से डील को अनुमति न देने की बात कही थी। संगठन ने इस सौदे के खिलाफ राष्ट्रीय आंदोलन चलाने की भी बात कही थी। कैट का मानना है कि इस डील देश की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा है और इससे घरेलू व्यापार बर्बाद हो जाएगा।