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चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे से…आजकल टीवी चैनल खुद सारे मामले की जाँच कर रहे हैं!

मैं जब प्रपंच चबूतरे पर पहुंचा, तब चतुरी चाचा गांव की बड़को चाची व नदियारा भौजी से प्रपंच करने में जुटे थे। चतुरी चाचा उनसे खेती-बाड़ी की बातें करते हुए पूछा- बड़को भउजी, तुमार धान कटिगे। धान केरी मड़ाई कब होई। बड़को बोली- चतुरी भईया, गांवक तरे वाले खेतवा मा कटि रहय। चकहार केरे चारि बीघा कटि कय माड़ि गए। अबकी धान केरी झरन नीकि हय। इसी दौरान ककुवा व बड़के दद्दा की जोड़ी प्रकट हो गई। चतुरी चाचा ने कहा- हमरेव दस बीघा धान कटि गए। काल्हि थ्रेसर ते मड़ाई होई। सब कटि- माड़ि जाएं, फिरि सरकारी केंद्र पय भेजय देयाब। बसि खाए भरेका धान घर मा राखब। बड़को चाची बोली- हमहूँ सरकारी केंद्र पय बेचब। भरोसे सेठ काल्हि धान खरीदय आए रहयं। मुला, बड़कऊ सेठ का टरकाय दिहिन। पिछली दफा सेठ सरकारी रेट ते 140 रुपये कवंटल कम दाम दिहिन रहय। यूह बादि मा मालूम भा रहय। इतना कह कर बड़को चाची अपनी बहू नदियारा के साथ अपने खेत चली गईं।

तभी चंदू बिटिया गुनगुना नींबू पानी और गिलोय काढ़ा लेकर आ गई। हम लोग पानी पी रहे थे। इसी बीच कासिम चचा और मुंशीजी भी पधार गए। गिलोय काढ़े के साथ बतकही आगे बढ़ी। बड़के दद्दा बोले- भाजपा सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित कर दिया है। सरकार ने इस वर्ष 2020-21 में 53 रुपए प्रति कुन्तल की बढ़ोत्तरी करके 1868 रुपए प्रति कुन्तल की एमएसपी घोषित की है। सरकारी खरीद केंद्र और गल्ला मंडी खुली है। जबकि कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल किसान बिल की आड़ में किसानों को बरगला रहे थे।

विपक्षी दलों के नेता बता रहे थे कि मोदी सरकार ने एमएसपी और गल्ला मंडी बन्द कर दी है।
मुंशीजी बोले- विपक्षी दल तो अभी भी कह रहे हैं कि मोदी सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य, सरकारी खरीद और सरकारी मंडी खत्म कर दी है। नए किसान बिल के कारण किसान भूमिहीन हो जाएंगे। उनकी पैदावार ही नहीं, बल्कि खेत भी पूंजीपति मनमाने तरीके से ले लेंगे। इसी को लेकर पंजाब व हरियाणा में कांग्रेस विरोध प्रदर्शन कर रही है। लेकिन, हमको तो लगता है कि नए किसान बिल से छोटे-बड़े सभी किसानों को लाभ होगा।

ककुवा ने कहा, हम किसानन केर हित तबहीं होई, जब हमरी लागत ते डेढ़ गुने पय हमार पैदावार बिकी। दुसरे आलू सहित सभी फल-सब्जी केरे भंडारन खातिर जगह-जगह पय कोल्ड स्टोर बनिहैं। काहे ते हमार पैदा कीन आधी फलु अउ सब्जी सड़ जात हय। तीसरि बाति सरकार हमका सस्ते दाम पय अच्छे बीज देय। हम किसानन का समय ते खाद अउ पानी मिलय। इहिके साथे दैवीय आपदा ते फसल बर्बाद होय पय ठीकठाक मुआवजा दीन जाय।

कासिम चचा ने विषय परिवर्तन करते हुए कहा, महाराष्ट्र का सुशांत-कांड अभी ठंडा नहीं हुआ था। इधर, यूपी में हाथरस-कांड उछल गया। हाथरस रेप कांड के बहाने दंगे की साजिश का भी पर्दाफाश हुआ है। कांग्रेस के राहुल गांधी व प्रियंका वाड्रा ने ही नहीं, बल्कि सपा, रालोद, भीम आर्मी व पीएफआई ने भी हाथरस पर जमकर राजनीति की। अब सीबीआई हाथरस कांड की जांच करेगी। इधर, राजस्थान में दबंगों द्वारा एक गरीब ब्राम्हण पुजारी को जिंदा जलाए जाने और कई स्थानों पर रेप की शर्मनाक घटनाएं होने पर राजनीतिक घमासान मचा है।

कासिम चचा की बात को आगे बढ़ाते हुए चतुरी चाचा ने कहा, आजकल टीवी चैनल्स सारे मामलों की खुद ही जांच कर रहे हैं। न्यूज चैनल्स खुद ही मुकदमों का ट्रायल भी कर रहे हैं। टीवी पत्रकार स्वयं ही पुलिस, वकील और जज की भूमिका अदा करने में जुटे हैं। राजनीतिक व सामाजिक संगठन भी बहती गंगा में हाथ धो रहे हैं। कुलमिलाकर पीड़ितों के साथ न्याय होने में अनेक बाधाएं खड़ी हो रही हैं। मैंने तो न्यूज चैनल्स देखना ही बन्द कर दिया है। मैं रात दूरदर्शन न्यूज देखता हूँ और सुबह अख़बार पढ़ता हूँ।

अंत में हमने सबको हमेशा की तरह कोरोना महामारी के बारे में जानकारी दी। हमने बताया कि कोरोना संक्रमण कुछ राज्यों में किसी हद तक कम हुआ है। परंतु, कोरोना वायरस अभी कमजोर नहीं हुआ है। हमें पूरी सतर्कता रखनी होगी। हमें मॉस्क और दो गज की दूरी का पालन करते रहना होगा। विश्व में अबतक तीन करोड़ से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। जबकि 10 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में अबतक 70 लाख लोग कोरोना से पीड़ित हो चुके हैं। जबकि एक लाख से ज्यादा लोग कोरोना की भेंट चढ़ चुके हैं। नवरात्र की अग्रिम बधाई के साथ आज की बतकही सम्पन्न हो गयी। मैं अगले रविवार को चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर होने वाली पँचायत लेकर हाजिर रहूँगा। तबतक के लिए पँचव राम-राम!

नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान

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