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चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे से…खादी अउ खाकी केरे संरक्षण महियां

मैं आज जब प्रपंच चबूतरे पर पहुंचा तो चतुरी चाचा, ककुवा व बड़के दद्दा खादी-खाकी-अपराधी गठजोड़ पर चर्चा कर रहे थे। तीनों लोग कानपुर की घटना के परिपेक्ष्य में गम्भीर बातें कर रहे थे। तभी दक्खिनय-हार से नदियारा भौजी आ गईं। नदियारा भौजी ने आते ही कोरोना महामारी पर सवाल दाग दिया।

चतुरी चाचा बोले-रिपोर्टर, बहुरिया के सवाल का जवाब तुम ही दे दो। हमने कहा-भौजी, तुम सही कह रही हो। जैसे-जैसे कोरोना बढ़ रहा है। वैसे-वैसे लोग बेपरवाह हो रहे हैं। जब कोरोना का संक्रमण कम था। तब सब लोग लॉकडाउन के कारण घरों में कैद रहे। अब अनलॉक शुरू होने से लोग सड़क पर बढ़ रहे हैं। फलस्वरूप, कोरोना लोगों के घरों में पहुंच रहा है। महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, गुजरात ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश व राजस्थान सहित अन्य राज्यों में कोरोना का संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है। अब तक देश में साढ़े छह लाख से अधिक लोगों कोरोना से पीड़ित हो चुके हैं। वहीं, साढ़े 18 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

कासिम चचा ने मेरी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा-लोग अब अति आवश्यक होने पर ही अपने घर से बाहर निकलना, सार्वजनिक स्थल पर एक दूसरे से दो गज की दूरी रखना, मॉस्क लगाना और साबुन से हाथ धोते रहना आदि नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। इसी कारण कोरोना पांव पसार रहा है। कोरोना के साथ बाढ़, भूस्खलन, आकाशीय बिजली, तूफान, भूकम्प व अग्निकांड सहित अन्य दैवीय आपदाएं भी जोर कसे हैं। इस साल मानव जीवन पर हर तरफ से आफत है।
बड़के दद्दा बोले- कोरोना को लेकर लापरवाही गलत है।

परन्तु, इसको लेकर ज्यादा चिंतित न हों। दुनिया भर में फैली इस चाइनीज महामारी से जितनी मौतें हो रही हैं। उनको देखते हुए अपने भारत में बहुत ही कम मौतें हुईं। भारत में कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या अत्याधिक है। अपने देश में कोरोना की वैक्सीन भी ईजाद हो रही है। बाबा रामदेव कोरोना की एक तथाकथित आयुर्वेदिक दवा लेकर हाजिर हुए थे, किंतु उस पर बड़ा विवाद हो गया। ऐसे में कोरोना से बचने के लिए साफ-सफाई, मॉस्क और दो गज की दूरी ही सबसे उपयुक्त है।

नदियारा भौजी बोली-अब जायके हमार चिंता दुरि भई। टेलीभिजन मा कोरोउना समाचारु देखिक हम डेराय गईन रहय। तुम सब जने प्रपंच करव। हम जाई रहिन अपने घरका। इसी दौरान कासिम चचा व मुंशीजी की जोड़ी आ गई। दोनों जन साबुन से हाथ धोने लगे। तभी चंदू बिटिया गुनगुना नींबू पानी, तुलसी-अदरक का काढ़ा लेकर आ गई। सबने पानी पीने के बाद काढ़े का कुल्हड़ थाम लिया। चंदू बिटिया हमेशा की तरह काढ़ा देकर फुर्र हो चुकी थी।

ककुवा बोले- कतनी शरम केरि बाति हय। पूरे परदेस केरि पुलिस जुटी हय। मुला, विकसवा का खोजि नाय पाइन। कानपुर पुलिस काल्हि उइहिका किलानुमा घरु जरूर पटरा कय दिहिस। ई बदमाश का खात्मा तबहिन होय जाय का चही रहय। जब यूह थाने मा घुसि कय राज्यमंत्री का मारि डारिस रहय। विकसवा कबहूँ भाजपा, कबहूँ बसपा तौ कबहूँ सपा केरे नेतन का चिंटू बना रहा। पुलिस उइहिका बराबर छूट दिहे रही। खादी अउ खाकी केरे संरक्षण महियाँ विकसवा यतना बड़ा माफिया बनिकय तैयार होय गवा। बताव 10-12 पुलिस वालेन का अपने दुवारे भून दिहिस। तीस साल से सोय रही पुलिस अब जागी हय। द्याखव भाई, पुलिस कब कहाँ कइसन विकास दुबे का पकरी? विकास की महतारी तौ कहिस कि पुलिस उहिका इनकाउंटर कयदे।

चतुरी चाचा बोले- नेताओं को अपनी राजनीति चलाने, चमकाने, चुनाव जीतने और दाम कमाने के लिए विकास दुबे जैसे गुंडों-फट्ठों की जरूरत हमेशा रहती है। पहले गुंडे-माफिया नेता पालते थे। अपराधियों को पुलिस से बचाते थे। इसके बदले गुंडों से अपना जलवा बनवाते थे। इधर, 20-25 साल से अपराधी खुद ही नेता बनने लगे हैं। जनता उन्हें ग्राम सभा से लोकसभा तक चुनकर भेज भी रही है। उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे भारत की राजनीति में बाहुबलियों का दखल है। पुलिस पहले इन अपराधियों से अपनी जेबें भरती हैं। कुछ वर्षों बाद उसी अपराधी के नेता बनने पर सलाम भी ठोंकती है। हालांकि, खादी-खाकी-अपराधी गठजोड़ से समाज और राष्ट्र का बड़ा अहित हो रहा है।

मुंशीजी अंत में बोले- आजकल चीन और पाकिस्तान मेरे सपनों में आ रहा है। मुझे तो यही लग रहा है कि ये दोनों शैतान देश अब तीसरा विश्व युद्ध करवाकर ही मानेंगे। चीन सोच रहा था कि उसके साथ पाकिस्तान और नेपाल हैं। उसने भारत को बुरी तरह से घेर लिया है। लेकिन, हमारे प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीति और रणकौशल से जिनपिंग इमरान औली की नींद ही उड़ गई। आज लगभग विश्व के सभी प्रमुख देश भारत के साथ हैं। चीन को सबक सिखाने के लिए अमेरिका, जापान, वियतनाम, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, रूस, म्यामांर व ताइवान सहित अन्य देश कमर कस चुके हैं। तिब्बत और हांगकांग चीन के गले की हड्डी बना ही है।

चतुरी चाचा ने मुंशीजी की बात का समर्थन करते हुए कहा- मोदी जी ने 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित नीमू में जाकर हुंकार भरी है। लेह लद्दाख जाने के पहले प्रधानमंत्री ने 59 चीनी मोबाइल एप प्रतिबंधित किये। साथ ही, चीन को आर्थिक चोट पहुंचाने के लिए भारत सरकार ने दूर संचार, रेलवे, मैट्रो व बिजली से जुड़ी करोड़ों की परियोजनाओं से चीनी कम्पनियों को बाहर कर दिया। जनता ने भी चीनी सामान का बहिष्कार शुरू कर दिया है। ऐसे में अब चीन बिलबिला उठा है। बस, मोदी सरकार की यह सफल कार्रवाई विपक्ष को हजम नहीं हो रही है। विपक्ष मोदी विरोध में सेना का मनोबल तोड़ने में जुटा है। इसी के साथ आज की बतकही समाप्त हो गई। मैं अगले रविवार को फिर चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर होने वाली पंचायत को लेकर हाजिर रहूँगा। तब तक के लिए पँचव राम-राम!

नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान
नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान

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