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मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक

लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से समस्त मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। साथ ही बैठक में राजस्व, कृषि, न्याय, नमामि गंगे, नियोजन, महिला कल्याण विभाग के कार्यों की समीक्षा की। अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन आगामी 12 नवंबर को किया जाना प्रस्तावित है। आयोजन से पूर्व, सभी जिलाधिकारियों द्वारा जिला न्यायाधीशों के साथ बैठक कर समस्त तैयारियां समय से पूर्ण करा ली जाये। लोक अदालत में आने वाले लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिये, आयोजन स्थल पर बेसिक एमेनिटीज का पूरा ख्याल रखा जाये। जिन जनपदों में सर्वाधिक वाद लम्बित हैं, उन जिलों में ज्यादा से ज्यादा मामलों का निस्तारण कराया जाए।

उन्होंने बताया कि रचनात्मक प्रतिस्पर्धा, नवाचार और सर्वोत्तम प्रथाओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लोक प्रशासन में उत्कृष्ट कार्य करने वाले जनपदों को प्रधानमंत्री अवार्ड से पुरस्कृत किया जाता है, इस पुरस्कार के लिए अभी तक 35 जनपदों ने पोर्टल पर आवेदन किया है, अवशेष 40 जनपदों द्वारा भी पोर्टल पर आवेदन कर दिया जाये। उन्होंने कहा कि सभी मण्डलायुक्त और जिलाधिकारी अपने कार्यों को और बेहतर करें। जनपद की इकोनॉमी बढ़ाने के लिये कार्य करें।

डिफ्थीरिया बीमारी के बारे में उन्होंने कहा कि सभी जनपदों में नियमित टीकाकरण तथा विशेष टीकाकरण अभियानों को सुचारु रूप से चलाया जाए। ईसीआरपी-2, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन (पीएम-एबीएचआईएम), 15वें वित्त आयोग के अन्तर्गत निर्माण कार्यों की हर हफ्ते समीक्षा की जाए। आयुष्मान भारत हेल्थ एण्ड वेलनेस सेण्टर की सक्रियता का नियमित अनुश्रवण किया जाए।
उन्होंने कहा कि रबी की बुवाई शुरु हो गई है। किसी भी जनपद में छुट्टा जानवरों से किसानों की फसल को नुकसान नहीं होना चाहिये। छुट्टा पशुओं को पकड़कर गौ-आश्रय स्थल भेजा जाये। अगर कोई व्यक्ति पालतु जानवर को खुले में छोड़ता है, तो उसके विरुद्ध भी नियमानुसार कार्यवाही की जाये।

उन्होंने बताया कि ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता अथवा उनमें से किसी एक की मृत्यु कोविड-19 से संक्रमित होने के कारण हो गई है, उनके भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की व्यवस्था हेतु आर्थिक सहयोग प्रदान करने के लिये उप्र। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना शुरू की गई थी। इस योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में 13371 बच्चों को 4000 रुपये प्रतिमाह की दर से प्रथम छमाही किश्त की धनराशि जनपदों को जारी की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त 2217 बच्चों को लैपटॉप तथा 05 बालिकाओं हेतु शादी अनुदान की धनराशि जारी कर दी गई है।

इससे पूर्व, कानपुर से अपर मुख्य सचिव श्री देवेश चतुर्वेदी ने भौगोलिक उपदर्शन वेबिनार के बारे में अवगत कराया। उन्होंने जीआई टैग वाले कृषि उत्पादों के लाभ एवं महत्व के बारे में बताया। जीआई टैग किसी क्षेत्र में पाए जाने वाले कृषि उत्पाद को कानूनी संरक्षण प्रदान करता है। जीआई टैग के द्वारा कृषि उत्पादों के अनधिकृत प्रयोग पर अंकुश लगाया जा सकता है। यह किसी भौगोलिक क्षेत्र में उत्पादित होने वाले कृषि उत्पादों का महत्व बढ़ा देता है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जीआई टैग को एक ट्रेडमार्क के रूप में देखा जाता है। इससे निर्यात को बढ़ावा मिलता है, साथ ही स्थानीय आमदनी भी बढ़ती है तथा विशिष्ट कृषि उत्पादों को पहचान कर उनका भारत के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय बाजार में निर्यात और प्रचार प्रसार करने में आसानी होती है।

जिलाधिकारी पीलीभीत ने राजस्व वादों के निस्तारण की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम के लगभग 750 वादों का शीघ्रता से निस्तारण करने से राजकीय धनराशि की बचत हुई है। गौवध अधिनियम और आबकारी अधिनियम में 30 वाहनों का जब्तीकरण किया गया है, साथ ही गैंगस्टर एक्ट में 18 करोड़ से अधिक की संपत्ति को जब्त किया जा चुका है। बैठक में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, सूचना एवं गृह संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थसारथी सेन शर्मा, प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद वीना कुमारी मीना, सचिव नियोजन आलोक कुमार, सचिव महिला कल्याण अनामिका सिंह सहित संबंधित विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समस्त मंडलायुक्त, जिलाधिकारीगण आदि उपस्थित थे।

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