लखनऊ। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) और पुरानी पेंशन स्कीम के अंतर्गत सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम की तुलना में जो लाभ प्राप्त हो रहे हैं, उनकी तुलना के लिए मुख्य सचिव ने शुक्रवार को समी़क्षा की। विभिन्न कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों की पेंशन से संबंधित शिकायतों के मद्देनज़र, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने अपर मुख्य सचिव कार्मिक और अपर मुख्य सचिव वित्त के साथ बैठक की।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) कर्मचारियों के हित में ज्यादा लाभकारी- मुख्य सचिव
- समीक्षा में पाया गया कि पुरानी पेंशन स्कीम की तुलना में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) कर्मचारियों के हित में ज्यादा लाभकारी है।
- सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली धनराशि, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत काफी अधिक है।
- प्राप्त होने वाली धनराशि को अन्य बचत योजनाओं में निवेश करके और भी अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
- समीक्षा में यह तथ्य भी संज्ञान में आया कि NPS के अन्तर्गत ग्रेच्युटी, leave encashment और सामूहिक बीमा योजना पहले की तरह ही जाएज़ है।
- NPS से आच्छादित किसी कार्मिक की मृत्यु सेवा काल में होने पर मृतक के आश्रितों को यह विकल्प उपलब्ध है कि वे पुरानी पेंशन योजना में अनुमन्य पारिवारिक पेंशन अथवा NPS में से किसी एक का चुनाव कर सकते हैं।
- NPS से आच्छादित कर्मचारियों के मृतक आश्रित का सेवायोजन भी संगत नियमों के अधीन अनुमन्य है।
NPS में पेंशन खाते के अतिरिक्त जीपीएफ की भांति भी खाता खोलने का प्रावधान
- मुख्य सचिव ने कहा कि NPS के अन्तर्गत पेंशन खाते के अतिरिक्त जी0पी0एफ0 की भांति भी खाता खोलने का प्रावधान है।
- इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में कर्मचारी को वेतन का 10 प्रतिशत अंशदान देना होता है।
- जबकि, राज्य सरकार 14 प्रतिशत अपना अंशदान देती है, कर्मचारी चाहे तो अपना अंशदान बढ़ा सकते हैं।
- राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में रिस्क को न्यूनतम स्तर का किया गया है।
- जमा धनराशि का 85 प्रतिशत गवर्नमेन्ट सिक्योरिटी में जिसमें कोई रिस्क नहीं है।
- 15 प्रतिशत प्रोफेशनल फण्ड मैनेजर के माध्यम से निवेश किया जाता है।
- वर्तमान में इसमें जमा धनराशि का ग्रोथ करीब 9.5% तक है, जबकि जी.पी.एफ. में मात्र 7.1 प्रतिशत का ग्रोथ मिल रहा है।
बैठक में समूह ’ग’ एवं समूह ’घ’ के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर मिलने वाले लाभों का तुलनात्मक चार्ट वित्त विभाग द्वारा प्रस्तुत किया गया, इससे बिल्कुल स्पष्ट है कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एन.पी.एस.) राज्य कर्मचारियों के हित में ज्यादा लाभकारी है।
बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एन.पी.एस.) में भी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति तथा कैशलेश इलाज की सुविधा पूर्ववत मिलती रहेगी। मुख्य सचिव ने वित्त विभाग को निर्देश दिये कि इस सम्बन्ध में स्पष्ट सूचना सभी कार्मिक संगठनों के अध्यक्ष को भेजा जाये, जिससे किसी भी प्रकार के संशय की गुंजाइश न रहे। श्रेणी-3 एवं श्रेणी-4 के कार्मिक हेतु उदाहरण स्वरूप दो तुलनात्मक चार्ट संलग्न हैं जो स्वतः स्पष्ट हैं।
Report – Anshul Gaurav