लद्दाख में भारतीय सरजमीं पर कब्जा करने की फिराक में लगे चीन को अपने कदम पीछे हटाने पड़े हैं. वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हजारों सैनिकों की तैनाती के बाद अपने मंसूबों में कामयाबी नहीं मिलने के बाद चीनी ड्रैगन करीब दो किलोमीटर पीछे हट गया है. यही नहीं अब तक आक्रामक रुख अख्तियार करने वाली चीनी सेना तीन-चार दिनों से शांत है.
करीब एक महीन से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर आक्रामक रुख अपना रही चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने पिछले तीन-चार दिन से कोई बड़ी हलचल नहीं की है.
सूत्रों के मुताबिक चीनी सेना एक जगह पर अपनी पहले की स्थिति से पीछे हटी है. वहीं, बाकी जगहों पर भी पिछले कुछ दिनों से उसका आक्रामक रुख नहीं दिख रहा है. चीनी सेना के रवैये में यह बदलाव छह जून को प्रस्तावित दोनाें देशों के लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अफसरों की बैठक से ठीक पहले आया है. इसे सीमा विवाद निपटने की दिशा में सकारात्मक कदम माना जा रहा है.
लद्दाख में पांच मई और सिक्किम सीमा पर नौ मई को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. उसके बाद से लद्दाख में तनातनी जारी है. इस दौरान दोनों देशों ने एलएसी पर सैनिकों की तैनाती भी बढ़ाई है. विवाद निपटारे के लिए दोनों देशों के बीच अलग-अलग स्तर पर करीब एक दर्जन बार बातचीत हो चुकी है. इस दौरान चीनी वायुसेना द्वारा लद्दाख के आसपास युद्धक विमान उड़ाने का मुद्दा भी उठाया गया.