मुख्यमंत्री एवं महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विश्व की सबसे पुरातन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद है। यह प्राचीनकाल से ही मानव जीवन का हिस्सा है।
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आज पूरी दुनिया ने एक बार फिर इसकी महत्ता को स्वीकार किया है। कृषि को आयुर्वेद से जोड़कर कई नए कार्य प्रारंभ किए जा सकते हैं आज आयुर्वेद के क्षेत्र में त इंतजार कर रहे हैं।
सीएम योगी ने कहा कि जीवन में कुछ भी आसान या कठिन नहीं होता। निराशाजनक सोच सफलता में बाधक होती है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि हमेशा लीक से हटकर कुछ नया करने का प्रयास करिए। ईश्वर ने हम सबको बनाया है लेकिन सब की आकृतियां व बुद्धिमत्ता का स्तर एक समान नहीं।
इन सबके बावजूद मनुष्य एक समुदाय में रहता है और इसीलिए वह ब्रह्मांड पर विजय प्राप्त करता है। बीएएमएस के नवप्रवेशी छात्रों को प्रेरित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषि परंपरा की थाती आयुर्वेद के ग्रंथों का अध्ययन अवश्य करें। आयुर्वेद में अवसरों की कोई कमी नहीं है। बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार भी दे सकते हैं।
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कार्यक्रम में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ अतुल वाजपेयी, कुलसचिव डॉ प्रदीप कुमार राव, गुरु श्री गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) के प्राचार्य मंजूनाथ एनएस, नर्सिंग कॉलेज की प्रधानाचार्या डॉ डीएस अजीथा समेत सभी शिक्षक व छात्र-छात्राओं की सहभागिता रही।
सीएम योगी बुधवार शाम महायोगी गोरखनाथ विवि, आरोग्यधाम में गुरु श्री गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) के दीक्षा समारोह के पहले दिन बीएएमएस नवीन बैच के पैरामेडिकल के प्रथम बैच के विद्यार्थियों के साथ संवाद कर रहे थे। सीएम ने कहा कि बीएएमएस के विद्यार्थी आयुर्वेद के साथ योग और नेचुरोपैथी से भी जुड़ें। कोरोना काल से ही दुनिया आयुष के पीछे भाग रही है।