लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, कानपुर रोड कैम्पस की छात्रा अंशिका वाजपेयी ने इण्डियन स्टेटिस्टिकल सर्विस (आई.एस.एस.) परीक्षा में सफलता अर्जित की है। यह परीक्षा यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यू.पी.एस.सी.) द्वारा आयोजित हुई, जिसके परिणाम अभी हाल ही में घोषित किये गये हैं। आईएसएस भारत सरकार की सेन्ट्रल सिविल सर्विसेज के अन्तर्गत आने वाली सिविल सर्विस है, जिसमें यूपीएससी परीक्षा के माध्यम से पदों की भर्ती की जाती है। इण्डियन स्टेटिस्टिकल सर्विस की देश भर में मात्र 11 सीटें हैं, ऐसे में इस अत्यन्त प्रतिस्पर्धी परीक्षा में चयन हेतु अत्यन्त उच्च स्तरीय प्रतिभा, ज्ञान व मेधात्व की आवश्यकता होती है।
अंशिका ने सीएमएस।कानपुर रोड कैम्पस में वर्ष 2008 में कक्षा-6 में एडमीशन लिया और वर्ष 2015 में 91.25 प्रतिशत अंको के साथ 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके उपरान्ह इन्होंने गणित, स्टेटिस्टिक्स एवं कम्प्यूटर में स्नातक एवं बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी से स्टेटिस्टिक्स में परास्नातक की डिग्री प्राप्त की। अपनी सफलता के बारे में बताते हुए अंशिका ने कहा कि स्कूल के दिनों से ही गणित मेरा प्रिय विषय रहा है परन्तु उच्चशिक्षा के लिए मैं लखनऊ से बाहर नहीं जाना चाहती है, अतः मैने बीटेक के बजाय बीएससी की पढ़ाई की। अंशिका ने कहा कि मैं सेल्फ-स्टडी पर भरोसा करती हूँ, इसीलिए मैंने कोचिंग इत्यादि का सहारा लेने के बजाय कड़ी मेहनत से आईएसएस की तैयारी की। अपने स्कूल के दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामीण परिवेश से होने के कारण मैं अंग्रेजी में कमजोर थी परन्तु मेरे शिक्षकों ने मुझे सदैव स्वयं पर भरोसा रखना सिखाया और अन्ततः मुझमें आत्मविश्वास का विकास हुआ।
अंशिका की यह सफलता इस मायने में बहुत महत्वपूर्ण है कि उन्होंने कठिन संघर्षो व दुष्वारियों को पीछे छोड़ते हुए अपना लक्ष्य हासिल किया है। अंशिका की मां वर्ष 2020 में एक दुर्घटना में दिवंगत हो गई जबकि कोविड लहर के दौरान उसके पिता भी नहीं रहे। ऐसे में, दो छोटे भाईयों की देखभाल करने के साथ ही उसने अपने स्वयं के एवं माता-पिता के सपनों को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अपने जीवन का उद्देश्य बताते हुए वे कहती हैं कि समाज सेवा करके मैं समाज से मिले सहयोग को वापस लौटाना चाहती हूँ। छात्रों को सफलता का सूत्र बताते हुए वह कहती है कि असफलता के सिवा इस दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं है, अतः कभी हार मत मानों और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हर बार अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का प्रयास करो। सीएमएस संस्थापक डा. जगदीश गाँधी ने विद्यालय के शिक्षकों व अंशिका इस अभूतपूर्व सफलता पर हार्दिक बधाई दी।