सिटी मोन्टेसरी स्कूल के हजारों छात्रों ने ‘वैलेन्टाइन डे’ के दुष्प्रभावों से किशारों व युवा पीढ़ी को जागरूक करने हेतु आज विशाल ‘पारिवारिक एकता मार्च’ निकाला एवं जन-मानस को ‘वैलेन्टाइन डे’ के सही अर्थ से अवगत कराते हुए ‘वैलेन्टाइन डे’ को ‘फैमिली यूनिटी डे’ के रूप में मनाने की पुरजोर अपील की। सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी व डा. (श्रीमती) भारती गाँधी एवं सी.एम.एस. स्टेशन रोड कैम्पस की प्रधानााचार्या श्रीमती वीरा हजेला के नेतृत्व में सी.एम.एस. छात्रों का यह विशाल मार्च आज प्रातः सी.एम.एस. प्रधान कार्यालय से प्रारम्भ हुआ एवं लालबाग होते हुए नगर निगम कार्यालय पर पहुँचकर एक विशाल सभा में परिवर्तित हो गया, जहाँ मुख्य अतिथि श्री सत्गुरू शरण अवस्थी, वरिष्ठ पत्रकार व अन्य विद्वजनों ने छात्रों के सुर में सुर मिलाते हुए ‘वैलेन्टाइन डे’ को ‘फैमिली यूनिटी डे’ के रूप में मनाने आह्वान किया।
इस विशाल मार्च के माध्यम से सी.एम.एस छात्रों ने पारिवारिक एकता एवं भावी पीढ़ी के चारित्रिक व नैतिक विकास हेतु सम्पूर्ण समाज में ईश्वरीय वातावरण निर्मित करने का भरपूर उत्साह जगाया एवं यह संदेश दिया कि चारित्रिक व नैतिक उत्थान के बगैर आदर्श समाज की परिकल्पना साकार नहीं हो सकती है। ‘पारिवारिक एकता मार्च’ को लखनऊ की जनता ने भरपूर समर्थन देते हुए छात्रों के सुर में सुर मिलाया एवं सी.एम.एस. की इस पहल की भूरि-भूरि प्रशंसा की। इस विशाल ‘पारिवारिक एकता मार्च’ में सी.एम.एस. छात्रों ने हाथों में नारे लिखी तख्तियाँ, प्ले कार्ड तथा बैनर्स लेकर पारिवारिक एकता एवं चरित्र निर्माण अलख जगाया और समस्त देशवासियों से अपील की कि संत वैलेन्टाइन के शहीद दिवस ‘‘वैलेन्टाइन डे’’ को पारिवारिक एकता दिवस के रूप में मनाकर किशोर तथा युवा पीढ़ी को हर हाल में बचाने का संकल्प लें एवं युवा पीढ़ी को गुमराह होने से बचायें।
सी.एम.एस. छात्रों का यह विशाल ‘पारिवारिक एकता मार्च’ नगर निगम कार्यालय पहुँचकर विशाल सभा में परिवर्तित हो गया। इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्य अतिथि श्री सत्गुरू शरण अवस्थी, वरिष्ठ पत्रकार, ने कहा कि सी.एम.एस. छात्रों की ‘पारिवारिक एकता’ को मजबूत करने की अपील पूरे समाज के लिए प्रेरणास्रेात है। सी.एम.एस. छात्र ‘वैलेन्टाइन डे’ के सही अर्थ को जनमानस के सामने रख रहे हैं उससे मैं पूर्णतया सहमत हूँ। भारत त्योहारों का देश है और त्योहार मनाने में पवित्रता एवं सामाजिकता का विस्तार होना चाहिए। इस अवसर पर बोलते हुए सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि संत वैलेन्टाइन ने तो प्रभु निर्मित समाज को बचाने के लिए मृत्यु दण्ड स्वीकार किया था और उनके त्याग व बलिदान को महसूस करते हुए प्रतिवर्ष 14 फरवरी को उनकी दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थनायें की जाती थी, परन्तु वर्तमान समय में ‘वैलेन्टाइन डे’ की मूल एवं पवित्र भावना को भुला दिेये जाने के कारण यह पवित्र दिन विकृत रूप लेता जा रहा है, जिससे युवा पीढ़ी दिशाभ्रमित हो रही है। यह अत्यन्त खेद की बात है कि सन्त वैलन्टाइन के बलिदान को भूल कर मात्र धन कमाने के लिए युवा पीढ़ी को पथभ्रष्ट किया जा रहा है। वास्तव में यह मासूम बच्चों, उनके अभिभावकों एवं समाज के खिलाफ एक अपराध है और हमें अपने बच्चों एवं युवा पीढ़ी को इस महत्वपूर्ण दिवस के वास्तविक स्वरूप व इसके सही अर्थ को बताने की आवश्यकता है।
सी.एम.एस. की संस्थापिका-निदेशिका डा. (श्रीमती) भारती गाँधी ने कहा कि आज जिस फूहड़ता व अराजकता के साथ वैलेन्टाइन डे मनाया जा रहा है, वह संत वैलेन्टाइन का अपमान है। पारिवारिक एकता को मजबूत कर संत वैलेन्टाइन को सच्ची श्रद्धान्जलि दी जा सकती है। सी.एम.एस. स्टेशन रोड कैम्पस की प्रधानाचार्या श्रीमती वीरा हजेला ने इस अवसर पर कहा कि स्कूलों और कालेजों की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे आगे आकर किशोर एवं युवा छात्रों के मार्गदर्शक बने और एक स्वच्छ, स्वस्थ तथा चारित्रिक गुणों से ओतप्रोत समाज का निर्माण करें।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी हरि ओम शर्मा ने बताया कि सी.एम.एस. का मानना है कि वैलेन्टाइन डे का विकृत रूप भावी समाज में एक चरित्रहीन तथा बीमार पीढ़ी को अस्तित्व में लायेगा। इसका उपाय यही है कि ‘वैलेन्टाइन डे’ को ‘पारिवारिक एकता दिवस’ के रूप में पवित्र भावना से मनायें और संसार के सभी बच्चों, शिक्षकों एवं अभिभावकों को संदेश भेजें कि सभी लोग एक दूसरे से समान रूप से प्रेम करें, आदर करें, तभी एक आध्यात्मिक विश्व की स्थापना हो सकेगी। सिटी मोन्टेसरी स्कूल विगत कई वर्षों से ‘वैलेन्टाइन डे’ को ‘पारिवारिक एकता दिवस’ के रूप में मना रहा है एवं सम्पूर्ण समाज को इसके लिए प्रेरित कर रहा है।