
सरकार का दावा है कि कोरोना का संक्रमण कम हो रहा है। फिर भी पीड़ितों की संख्या देखते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं में अभी अधिक सुधार की आवश्यकता है। शायद इसी लिए योगी आदित्यनाथ सभी स्थानों पर व्यवस्था का जायजा ले रहे है। इसके दृष्टिगत अधिकारियों को निर्देशित कर रहे है। कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने पुराने फॉर्म में है। मुरादाबाद और बरेली में आपदा प्रबंधन का जायजा लेने के बाद वह आज वाराणसी पहुंचे। उनका प्रयास है कि प्रदेश को लोगों को परेशानी का सामना ना करना पड़े। पीड़ितों को समय से उचित उपचार उपलब्ध हो सके।
पहली लहर के मुकाबले तीन से चार गुना आक्सीजन की आवश्यकता है। इसके दृष्टिगत प्रयास तेज किये गए है। इनके अलावा प्रदेश में सवा दो लाख से लेकर ढाई टेस्ट प्रतिदिन टेस्ट हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश देश में सर्वाधिक टेस्ट करने वाला राज्य हैं। प्रदेश की अट्ठावन हजार पंचायतों में निगरानी समिति गठित की है। सत्तानबे हजार राजस्व गांवों में पहले से ही पल्स आक्सीमीटर उपलब्ध कराया है। योगी आदित्यनाथ ने मुरादाबाद के मनोहरपुर गांव में कोरोना संक्रमित लोगों से उपचार के संबन्ध में जानकारी प्राप्त की थी।
वाराणसी में उंन्होने टिकरी गांव में कोरोना संक्रमित परिवार का हाल जाना। उन्होने पीड़ितों को सावधानी रखनें का सुझाव दिया। साथ ही प्रशासन की ओर से दिए जा रहे सहयोग की जानकारी ली। मुख्यमंत्री निगरानी समिति सदस्यों से भी मिले। उनको मेडिकल किट प्रदान की। योगी आदित्यनाथ ने बीएचयू में डीआरडीओ की ओर से बनाए जा रहे पं. राजन मिश्र अस्थायी कोविड हास्पिटल का निरीक्षण किया। यहां वेंटीलेटर व आक्सीजन युक्त बेड की जानकारी ली। विश्वविद्यालय के समिति कक्ष में स्थानीय अधिकारियों व जनप्रतिनिधयों के साथ बैठक कर कोरोना से जंग की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की।
यही से वह गाजीपुर,जौनपुर व चंदौली के अफसर आनलाइन संवाद किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि काशी में सुपर स्पेशियलिटी केंद्र इस समय सबसे बड़ा सेंटर है। जिससे पूर्वांचल ही नहीं पश्चिमी बिहार तक को इलाज की सुविधा मिल रही है।डीआरडीओ व आर्मी की मदद से नया हास्पिटल में तेजी से कार्य चल रहा है। इसमें ढाई सौ बेड वेंटीलेटर के युद्ध स्तर पर कार्य करते हुए तैयार है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले की तुलनी में दूसरी लहर का संक्रमण तीव्र रहा है। इससे आक्सीजन डिमांड बढी।
प्रदेश में ज्यादातर मेडिकल कालेज एयर सेपरेटरर या अपने कांट्रैक्ट से लिक्वड मेडिकल आक्सीजन लेते थे जो तीन सौ से चार सौ मीट्रिक टन में पूरा हो जाता था। संक्रमण फैलने से जब डिमांड बढ़ी तो आक्सीजन एक्सप्रेस व एयरफोर्स के विमानों से प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में एक हजार मीट्रिक टन आक्सीजन की व्यवस्था हो रही है। आक्सीजन एक्सप्रेस का लाभ बनारस व आसपास के जिलों को भी लाभ मिल रहा है। हर स्तर पर संसाधन बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए देश के अंदर दो स्वदेशी वैक्सीन पहले ही लांच की जा चुकी है।
एक तीसरी वैक्सीन के लिए भी सरकार ने सहमति दे दी है। प्रदेश में अब तक भारत सरकार की मदद से अब तक पैंतालीस प्लस के एक करोड़ सैंतीस लाख से अधिक लोगों को टीकाकरण किया जा चुका है। राज्य सरकार ने भी भारत सरकार की मदद से एक लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है। भारत सरकार की ओर से पर्याप्त वैक्सीन मिल रही है।