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कांग्रेस का महायुति सरकार पर शिवाजी की विरासत को कमजोर करने का आरोप, कहा- खामियाजा भुगतना पड़ेगा

नई दिल्ली:  कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को महायुति सरकार पर भारत के महान सपूत छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत को कमजोर करने का आरोप लगाया। पार्टी ने कहा कि जो लोग महाराष्ट्र के गौरवशाली इतिहास और मेलजोल की संस्कृति को स्वीकार नहीं करते हैं, उन्हें अगले महीने इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि महायुति ने छत्रपति को भी अपनी जबरन वसूली और लूट से नहीं बख्शा, क्योंकि सिंधुदुर्ग के राजकोट किले में उनकी 35 फीट ऊंची प्रतिमा इतने खराब तरीके से बनाई गई थी कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्घाटन करने के एक साल के भीतर ही गिर गई।

रमेश ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘महायुति सरकार महाराष्ट्र में भारत के एक महान सपूत की विरासत को कमजोर किया है। उन्होंने आगे कहा, सात साल पहले गैर-जैविक (नॉन-बायोलॉजिकल) प्रधानमंत्री ने मुंबई के पास अरब सागर में शिवाजी महाराज की 696 फीट ऊंची प्रतिमा की नींव रखी थी, जिसे बाद में उनकी सरकार ने चुपचाप छोड़ दिया।’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘जुमलेबाजों ने खुद शिवाजी महाराज को जुमला देने की गुस्ताखी की है।’

शिवाजी की प्रतिमा को हटाने का लगाया आरोप
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘भाजपा के नेताओं ने गैर जैविक पीएम की तुलना छत्रपति शिवाजी महाराज से करके उनकी महानता को कमतर दिखाने की कोशिश की है।’ उन्होंने यह भी कहा कि महायुति ने चार जून को हुई अपनी हार के बाद महाराष्ट्र के लोगों को नीचा दिखाने के लिए संसद भवन के बाहर से शिवाजी महाराज की प्रतिमा को हटा दिया। रमेश ने कहा, ‘जो लोग महाराष्ट्र के गौरवशाली इतिहास और मेलजोल की संस्कृति को नकारते हैं, उन्हें अगले महीने इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।’

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