गणतंत्र दिवस परेड के अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को छठी पंक्ति में बैठाने को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनितिक घमासान जारी हो गया है। सूत्रों की माने तो SPG (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) के कहने पर बदली गयी थी राहुल गाँधी की सीट। राहुल गांधी को इस बार चौथी पंक्ति में बैठना था लेकिन उन्हें छठी पंक्ति की किनारे की सीट पर बैठाया गया। कांग्रेसी जहां इसे केंद्र सरकार की ओछी राजनीति करार दे रहे हैं वहीं भाजपाइयों का कहना है कि लोकतंत्र नियम के हिसाब से चलता है वहां कोई वीवीआईपी है।
रक्षा मंत्रालय करता है सीट आवंटन
राजपथ पर होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह के लिए सीट का आवंटन रक्षा मंत्रालय करता है।
इस बार भी पहले से ही राजनेताओं के बैठने की सीट तय थी।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इस बार चौथी पंक्ति निर्धारित थी,लेकिन बाद में उन्हें छठी पंक्ति में बैठाया गया।
कांग्रेसी नेता इसे अपना अपमान मानकर इस बात का विरोध कर रहे हैं।
ओछी राजनीति का आरोप
कांग्रेस इसे मोदी सरकार की ओछी राजनीति का हिस्सा बता रही है।
बीजेपी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव कहना है कि भारत में लोकतंत्र नियम के हिसाब से चलता है न कि व्यक्ति के हिसाब से।
राव ने कहा लगता है कांग्रेस लोकतंत्र में विश्वास नहीं करती,शायद तभी देश को अपने हिसाब से चलाना चाहती है।
सुरक्षा के लिहाज से एसपीजी ने की मांग
राहुल को छठी पंक्ति में बैठाने के पीछे स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) की खास भूमिका रही है।
SPG के सदस्यों ने ही अपील की थी कि राहुल गांधी को छठी पंक्ति की किनारे की सीट आवंटित की जाए।
सुरक्षा के लिहाज से यह सीट उनके लिए बेहतर समझती थी एसपीजी।
किसी प्रकार की अनहोनी होने पर चौथी की बजाय छठी पंक्ति से राहुल गांधी को जल्दी निकला जा सकता था।