मुंबई। मुंबई मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत के न्यायाधीश एयू बहिर ने एनजीओ ध्यान फाउंडेशन और गुरु योगी अश्विनी के खिलाफ अपमानजनक, अश्लील वीडियो हटाने से इनकार करने पर गूगल पर अवमानना नोटिस जारी किया।
पिछले 7 महीनों से गूगल (जिसका प्रतिनिधित्व सुंदर पिचाई कर रहे हैं) केस को मामूली आधार पर टाल कर जानबूझ कर देरी की रणनीति अपना रहा था। ध्यान फाउंडेशन और योगी अश्विनी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा गूगल केस के स्थगन की मांग कर रहा था।
देश में सख्त आईटी कानूनों और कई शिकायतों के बावजूद गूगल भूखी गायों और नंदियों की पीड़ा की कीमत पर वेबसाइट पर अपमानजनक सामग्री जारी रख राजस्व अर्जित कर रहा था। ज्ञात हो कि इन गोवंश को ध्यान फाउंडेशन ने तस्करी और अवैध कटाई के मामलों से पुनर्वासित किया था।
सुनवाई के दौरान तर्क दिया गया कि उक्त रूपांतरित वीडियो को श्री सतपाल दहिया द्वारा गाय माफिया से जुड़े होने के कारण छेड़छाड़, डिजाइन और प्रकाशित किया गया था। उन पर यौन उत्पीड़न, मानहानि और यहां तक कि घरेलू हिंसा के लिए कई एफआईआर दर्ज की गई थीं।
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उस पर अवैध हथियार रखने का भी आरोप लगाया गया। वह आज तक फरार है और बॉम्बे, हरियाणा, तेलंगाना और दिल्ली पुलिस से बचता फिर रहा है।
कोर्ट के आदेश के बावजूद यूट्यूब ने इस अश्लील झूठे वीडियो को नहीं हटाया है। इस कदम के खिलाफ एडवोकेट बॉम्बे हाई कोर्ट के राजू गुप्ता ने अवमानना का मामला दायर किया । अदालत ने आपत्तिजनक सामग्री को हटाने के 31 मार्च, 2023 के आदेश का पालन नहीं करने के लिएl सुंदर पिचाई को अवमानना नोटिस जारी किया है।