Breaking News

वाणिज्यिक आय और नाॅन-फेयर रेवेन्यू सम्बंधित अनुबंधों को ‘ई-ऑक्सन‘ प्लेटफार्म के माध्यम से पूरा किया जाएगा

पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ एवं वाराणसी मंडल सहित भारतीय रेल के 11 मंडलों में ई-नीलामी के लिए ‘पायलट प्रोजेक्ट‘ शुरू किया गया है। निविदा के स्थान पर ई-नीलामी का प्रावधान किया जा रहा हैं।

लखनऊ। आधुनिकीकरण की दिशा में अग्रसर रेलवे, रेल उपयोगकर्ताओं को बेहतर, पारदर्शी एवं प्रभावी व्यवस्था देने के लिए सतत् प्रयासरत हैं। इसी क्रम में वाणिज्यिक आय और नाॅन-फेयर रेवेन्यू सम्बंधित अनुबंधों को ‘ई-ऑक्सन‘ प्लेटफार्म के माध्यम से किये जाने का निर्णय लिया गया है।

रेवेन्यू सम्बंधित अनुबंधों को ‘ई-आॅक्सन‘ प्लेटफार्म के माध्यम से पूरा किया जाएगा

इसके अन्तर्गत पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ एवं वाराणसी मंडल सहित भारतीय रेल के 11 मंडलों में ई-नीलामी के लिए ‘पायलट प्रोजेक्ट‘ शुरू किया गया है। निविदा के स्थान पर ई-नीलामी का प्रावधान किया जा रहा है। नई व्यवस्था में प्रक्रिया को बेहद सरल किया गया है, जिससे अधिक से अधिक इच्छुक व्यक्ति/फर्म इसमे प्रतिभाग कर सकेंगे, प्रतिस्पर्धा बढेगी और इन्ट्री बैरियर समाप्त होंगे तथा अनुबंध की प्रक्रिया में विलम्बन भी समाप्त होगा।

ई-नीलामी में भाग लेने के लिए कोई पूर्व पंजीकरण आवश्यक नहीं होगा।

ई-नीलामी की प्रक्रिया ‘perfect’ के माध्यम से होगी। इसके लिए नीलामी मे भाग लेने वाले बोलीदाता की आवश्यक योग्यता उसका वित्तीय टर्न ओवर होगा एवं स्वघोषित दस्तावेज अपलोड करना होगा। ई-नीलामी में भाग लेने के लिए कोई पूर्व पंजीकरण आवश्यक नहीं होगा। बोलीदाता की न ही कोई भौगोलिक बाध्यता होगी। स्वघोषित दस्तावेज गलत पाये जाने पर जमानत राशि जब्त कर ली जायेगी। इस प्रक्रिया को तेजी से कम समय में पूर्ण करने के लिए ई-नीलामी का नोटिस पीरियड 12 दिन रखा गया है। इसमें सभी भुगतान आनलाइन होंगे।

इच्छुक पार्टियाँ अधिक जानकारी और ई-नीलामी की मंडल-वार तिथियों के लिए आई आर ई पी एस वेबसाइट (www.ireps.gov.in) देख सकती हैं। ई-नीलामी में भाग लेने हेतु लखनऊ मंडल से सम्बंधित किसी भी प्रकार की समस्या होने पर वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक/लखनऊ से मोबाइल नम्बर 9794842950 पर तथा वाराणसी मंडल की समस्या के लिए वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक/वाराणसी से मोबाइल नम्बर 9794843950 पर सम्पर्क किया जा सकता हैं। ऑनलाइन पंजीकरण में किसी भी सहायता के लिए (www.ireps.gov.in) ‘आईआरईपीएस हेल्पडेस्क‘ से संपर्क किया जा सकता है।

रिपोर्ट-दयाशंकर चौधरी

About reporter

Check Also

विश्वनाथ मंदिर में अब नहीं होगी मन्नत की हौद भराई, 580 लीटर दूध से भरा जाता था अरघा

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में अब हौद भराई पूजा पर रोक लगा दी गई है। ...