वर्तमान समय में कोरोना के कहर से भारत सहित पूरी दुनिया त्राही-त्राही कर रही है। छोटे बड़े तमाम मुल्क कोरोना से जूझ रहे हैं। मौत के इस खतरनाक वायरस से हर तरफ हाहाकार मचा है। दुनियाभर के डॉक्टर्स भी इस महामारी का इलाज तलाशने में लगे हुए है किन्तु अब तक इस महामारी से निजाद पाने की कोई वेक्सीन नहीं बन पाई है। इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) ने दुनिया को आगाह किया है। कि आने वाली सर्दियों में यूरोप समेत दुनिया के कई हिस्सों में कोरोना (Covid-19) का कहर बढ़ जाएगा।
संगठन ने कहा कि इस दौरान अस्पतालों में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी और मृत्यु दर में भी इजाफा होगा। यूरोप में डब्ल्यूएचओ के रीजनल डाइरेक्टर हेनरी क्लग ने कहा, ‘सर्दियों में युवा लोग बुजुर्ग आबादी के ज्यादा करीब होंगे हम गैरजरूरी भविष्यवाणी नहीं करना चाहते, लेकिन इसकी निश्चित रूप से आशंका है। इस दौरान ज्यादा लोग अस्पतालों में भर्ती होंगे और मृत्युदर बढ़ जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक हेनरी क्लग ने आने वाले माह में तीन मुख्य कारणों पर फोकस करने के लिए कहा है। इनमें स्कूलों का फिर से खुलना, सर्दी-जुकाम का मौसम और सर्दियों के दौरान बुजुर्गों की ज्यादा मौत शामिल हैं। इन वजहों से संक्रमण के घातक होने का खतरा है। उन्होंने कहा कि दुनिया के देशों को उनकी इस चेतावनी के मुताबिक अभी से तैयारियां करनी चाहिए। अमेरिका में स्कूल और कॉलेज खोलने के चलते कई जगह संक्रमण फैलने का मामला सामने आया है। बता दें कि मिसिसीपी के एक स्कूल में 4000 बच्चों और 600 टीचरों को क्वारंटीन करना पड़ा है।
हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा के नियम बदलेंगे
डब्ल्यूएचओ ने बताया है कि उसने एक कमेटी बनाई है जो हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा करने के नियम बदलेगी। कोरोना महामारी के बाद डब्ल्यूएचओ पर दुनिया को देरी से जानकारी देने के आरोप लगते रहे हैं। डब्ल्यूएचओ ने 30 जनवरी को कोरोना के चलते हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा की थी। उसका दावा है कि इस दौरान चीन में केवल 100 मामले थे। डब्ल्यूएचओ ने अपने नियमों की समीक्षा की एक कमेटी बनाई है। जिससे देखा जाएगा कि क्या नियमों में कोई बदलाव किया जाना चाहिए?