भारतीय क्रिकेट टीम ने गुरुवार को खेले गए तीसरे टी20 मैच में साउथ अफ्रीका को बुरी तरह से हरा दिया. इसी के साथ दोनों टीमों के बीच तीन मैचों की सीरीज 1-1 से बराबरी पर खत्म हुई. लेकिन जोहान्सबर्ग में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में ऐसा कुछ हो गया कि साउथ अफ्रीका की मेजबानी पर सवाल उठने लगे हैं.
साउथ अफ्रीका की हालत इस मैच में काफी खराब थी. टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवरों में सात विकेट खोकर 201 रन बनाए. साउथ अफ्रीका की टीम महज 13.5 ओवरों में 95 रनों पर ढेर हो गई. इस टीम के लिए डेविड मिलर ने सबसे ज्यादा 35 रन बनाए. मिलर साउथ अफ्रीका के 10वें विकेट के तौर पर आउट हुए लेकिन वह पहले ही आउट हो गए थे. फिर भी ये उनकी किस्मत थी कि वह बच गए.
मिलर वो बल्लेबाज हैं जो अपनी तूफानी बल्लेबाजी से मैच पलटने का दम रखते हैं. वो ये काम पहले कई बार कर चुके हैं. तीसरे टी20 मैच में भी इसकी आहट दिख रही थी लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. किस्मत भी इस बार मिलर को मैच विजेता नहीं बना सकी.
ये था मामला
दरअसल, भारतीय टीम द्वारा रखे गए 201 रनों के लक्ष्य के सामने साउथ अफ्रीका को अच्छी शुरुआत नहीं मिली. टीम ने अपने शुरुआती विकेट जल्दी खो दिए. डेविड मिलर उस समय टीम को संभाल रहे थे. पारी का नौवां ओवर चल रहा था. गेंदबाजी कर रहे थे रवींद्र जडेजा. जडेजा के ओवर की चौथी गेंद डेविड मिलर के बल्ले के पास से निकली. टीम इंडिया ने जोरदार अपील की लेकिन मैदानी अंपायर ने आउट नहीं दिया. भारत ने रिव्यू लेने का फैसला किया लेकिन यहां मिलर की किस्मत साथ दे गई क्योंकि उस समय डीआरस मौजूद नहीं था. इसका कारण ये था कि उस समय डीआरएस काम नहीं कर रहा था. रिपोर्ट्स के मुताबिक उस समय तकनीकी खामी के कारण डीआरएस बंद था.लेकिन रिप्ले में पता चला कि गेंद मिलर के बल्ले का किनारा लेकर गई है. ऐसे में अगर रिव्यू मौजूद होता तो फिर मिलर का पवेलियन लौटना तय था. ऐसे में साउथ अफ्रीका की मेजबानी पर सवाल उठने लगे हैं. मिलर हालांकि ज्यादा अंतर पैदा नहीं कर पाए. वह टीम को जीत नहीं दिल पाए.
सूर्यकुमार का शतक
मैच में साउथ अफ्रीका को जिस तरह की शुरुआत मिली थी उसके बाद कोई चमत्कार ही उसे जीत दिला सकता था. भारत ने विशाल स्कोर बनाया था और इसका कारण कप्तान सूर्यकुमार यादव का शतक था. सूर्यकुमार ने 56 गेंदों पर सात चौके और आठ छक्कों की मदद से 100 रनों की पारी खेली. उनके अलावा यशस्वी जायसवाल ने 60 रन बनाए. लेकिन साउथ अफ्रीका की टीम शुरू से ही विकेट खोती रही और विशाल स्कोर के दबाव में बिखर गई.