वातावरण की नमी कम होने के साथ ही दिल्ली की हवा अच्छी से खराब हो गई है। 48 घंटे के भीतर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में 175 अंकों का उछाल आया और वह 46 से 221 पर जा पहुंचा। सफर का पूर्वानुमान है कि बारिश नहीं होने की सूरत में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ेगा।
तेज बारिश से दिल्ली की हवा साफ हो गई थी। धूल के महीन कण पीएम10 हवा में पहुंचना बंद हो गए थे। पड़ोसी राज्यों में पराली जलने के मामलों में भी कमी आई थी। इनके मिले-जुले असर से साल में पहली बार हवा की गुणवत्ता अच्छी श्रेणी में चली गई है।
बारिश का असर दिखा और हवा की गुणवत्ता बेहतर रही, लेकिन खिली धूप में बुधवार को हवा में नमी का स्तर 47 फीसदी तक पहुंच गया। इससे धूल के महीन कणों का धरती से निकलना संभव हो गया।
हवा की दिशा उत्तर पश्चिम होने से पराली से निकलने वाले पीएम2.5 की मात्रा भी बढ़ेगी। अगर बारिश नहीं हुई तो अगले दो दिन में हवा खराब स्तर में पहुंच जाएगी। उसके बाद के तीन दिन में यह गंभीर स्तर तक पहुंच सकती है।