रायबरेली। उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डा. शुचिता चतुर्वेदी ने विकास भवन के महात्मागांधी सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए बाल अधिकार संरक्षण के सम्बन्ध में सरकार द्वारा विद्यालयों, आंगनबाड़ी केन्द्रों, पुलिस, श्रम विभाग आदि द्वारा दी जा रही सुविधाओं की समीक्षा की। निर्देश दिये कि मिड-डे-मील और बच्चों को दी जा रही पोषण सम्बन्धी सामग्री का वितरण नियमों के अनुकूल किया जाये। मिड-डे-मील का वितरण निर्धारित मैन्यू के अनुसार गुणवत्ता पूर्वक दिया जाये। कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों को पोषित आहार देकर उनको सामान्य श्रेणी के बच्चों की श्रेणी में लाया जाये। श्रमिक बच्चों के सम्बन्ध में श्रम विभाग के अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की तथा समस्त विभागीय अधिकारियों को उचित दिशा निर्देश भी दिये।
बैठक के दौरान उन्होंने बीएसए अधिकारी के प्रतिनिधि डाॅ. राजीव जिला समन्वयक द्वारा बीएसए विभाग द्वारा विद्यालयों आदि की जानकारी सही न दिये जाने पर प्रतिनिधि को कड़ी फटकार लगाई तथा जनपद में विद्यालयों में टीचर्स द्वारा पढ़ाई आदि व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने के निर्देश दिये तथा जनपद के स्कूल की जानकारी ली। कोविड-19 कोरोना के समय किस प्रकार से टीचर्स द्वारा बच्चों को किस प्रकार पढ़ाये जाने के बारे में पूछे जाने पर बताया गया कि टीचर्स द्वारा बच्चों को दीक्षा एप के माध्यम से टीचर्स को टैनिंग आदि देकर बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। उन्होंने दीक्षा एप से सम्बन्धित सम्पूर्ण जानकारी ली। उन्होंने श्रम विभाग व पुलिस विभाग द्वारा विगत माह में नो चाइल्ड कैम्प आदि जागरूकता अभियान के बारे में जानकारी ली गई तथा जनपद में संचालित नाबालिग बच्चों से जुड़ी योजनाओं से सम्बन्धि श्रम बला कल्याण पुलिस एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, मिशन शक्ति, बाल कल्याण समिति आदि विभागों बारें में जानकारी प्राप्त की।
उन्होंने आईसीडीसीएस, स्वास्थ्य विभाग से जनपद में कुपोषित, अति कुपोषित बच्चों की जानकारी व आनबाड़ी कार्यकत्री द्वारा कार्यो में भी बारे में भी जानकारी ली। बाल संरक्षण गृह केन्द्र में अनाथ, बेसहारा, असाहाय की देख भाल के बारे में तथा उनका पालन पोषण संजीदगी के साथ किये, अभिलेख का रख रखाओं व खाने पीने की व्यवस्थाओं आदि की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बच्चों के प्रति संजीदगी के साथ कार्य कर रही है। सरकार द्वारा बाल अधिकार संरक्षण गृह में बच्चों के कौशल विकास की भी व्यवस्था भी है।
बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डा. शुचिता चतुर्वेदी इससे पूर्व दिव्य प्रेम सेवा मिशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया तथा पूर्व माध्यमिक विद्यालय आनापुर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होने पाया कि तीन शिक्षाकाओं से दीक्षा एप के बारे में सही जानकारी न दिये जाने पर सम्बन्धित अधिकारी को टीचर्स पर कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
इस मौके पर जिला प्रोबेशन अधिकारी, आईसीडीएस, स्वास्थ्य, पुलिस, जिला अल्पसंख्यक अधिकारी सुनीता देवी, जिला सूचना के मो. राशिद आदि अधिकारी उपस्थित थे।
रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा