नासिक: साल 2027 में नासिक में आयोजित होने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। हालांकि इसके नाम को लेकर अखाड़ों के बीच मतभेद उभर आए हैं। मामला जिला प्रशासन तक पहुंचा है और प्रशासन ने जल्द ही इस पर फैसला लेने की बात कही है। नासिक में जिस जगह कुंभ मेले का आयोजन होना है, उसे संरक्षित क्षेत्र घोषित करने की भी मांग की गई है।
क्या हैं साधुओं में मतभेद
हाल ही में कुंभ मेले की तैयारियों का जायजा लेने सीएम देवेंद्र फडणवीस नासिक पहुंचे थे। इस दौरान त्रयंबकेश्वर अखाड़ा के संतों ने मांग की कि कुंभ मेले को त्रयंबकेश्वर नासिक सिंहस्थ कुंभ मेला नाम दिया जाए। वहीं नासिक अखाड़े के संतों ने हाल ही में नासिक नगर पालिका के मुख्यालय में शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में नासिक अखाड़ा के संतों ने कुंभ मेले को नासिक कुंभ मेला कहे जाने की मांग की। नासिक अखाड़ा के साधुओं ने ये भी मांग की कि राज्य सरकार द्वारा गठित की गई सिंहस्थ कुंभ मेला अथॉरिटी में उन्हें भी शामिल किया जाए।
मेला क्षेत्र को संरक्षित करने की मांग
साथ ही साधुओं ने कुंभ क्षेत्र के 500 एकड़ के इलाके को हमेशा के लिए संरक्षित घोषित करने की भी मांग की। जब साधुओं की इन मांगों के लेकर नासिक के जिलाधिकारी जलज शर्मा से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी है और वे इस बारे में जल्द ही सरकार से बात करेंगे और जैसे निर्देश होंगे उनके मुताबिक फैसला लिया जाएगा। नासिक में आयोजित होने वाला कुंभ मेला साल 2027 में 14 जुलाई से 25 सितंबर के बीच आयोजित हो सकता है। यह गोदावरी नदी के तट पर आयोजित होगा और 12 साल के अंतराल के बाद इसका आयोजन होने जा रहा है।