2021-22 का बजट नए भारत का निर्माण के लिए एक शानदार बजट है । उज्जवल भारत के साथ – साथ आधुनिक भारत के प्रति समर्पित है ।” क्योंकि “प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना” के अन्तर्गत देश के चिकित्सा स्वास्थ्य के बजट को 64 हजार करोड़ से बढ़ा कर लगभग सवा दो लाख करोड़ कर दिया गया है।
लोगों का कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण हो सके इसके लिए 35 हजार करोड़ रुपये के भारी धनराशि की व्यवस्था की गई है। रेलवे में आमूलचूल परिवर्तन व ढाँचा गत सुधार के लिए एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि का प्रस्ताव आया है। किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद को और सुदृढ़ और सुनिश्चित बनाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
बालिकाओं की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है, इसके साथ ही आदिवासी, जनजातियों को शिक्षा में बढ़ावा देने के लिए 750 एकलव्यू स्कूल खोलने का निर्णय लिया गया है। देश में सैनिक क्षेत्र में नौजवानों की प्रवृत्ति को बढ़ाने के लिए 100 नए सैनिक स्कूल खोले जाने का प्रस्ताव है।
देश के समग्र विकास को बढ़ावा देने वाला ये बजट किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए उनके ऋण लेने की क्षमता बढ़ाने का प्रयास किया गया है।
औद्योगिक विकास को गति देने के लिए कारपोरेट टैक्स व डिविडेंट टैक्स कम करने का निर्णय लिया गया है।
वरिष्ठ नागरिक जो 75 साल से अधिक हैं और उनकी पेंशन व जमा से आय है तो उनकी इनकम टैक्स रिटर्न से छूट देने का निर्णय लिया गया है। कुल मिलाकर यह बजट बहुआयामी, समावेशी और दीर्घकालीन विकास को प्रशस्त करने वाला बजट है। इस बजट से भारत के बड़े बड़े उद्योगपति ही नही बल्कि हर एक जनता इस बजट को स्वीकार रही है और बहुत खुश भी है ।
यह बजट ऐतिहासिक बजट है । जिसके लिए में धन्यवाद देता हूँ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन का व केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण का जिन्होंने ऐसा ऐतिहासिक बजट दे कर उज्ज्वल भारत की ओर एक कदम और बढ़ाया है ।