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आधुनिक चिकित्सीय सेवाओं के साथ डिजिटलीकरण को भी मिल रहा बढ़ावा – सीएमओ

• सभी स्वास्थ्य इकाईयों पर मनाया गया विश्व स्वास्थ्य दिवस

• ग्रामीण के साथ शहरी क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं का हो रहा निरंतर विस्तार

औरैया। सभी के लिए बेहतर चिकित्सीय व स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कराने, समुदाय के अंतिम व्यक्ति तक उसकी पहुंच बढ़ाने और उसके बारे में ध्यान केन्द्रित करने को लेकर हर साल सात अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है।

शुक्रवार को जनपद की समस्त स्वास्थ्य इकाईयों पर स्वास्थ्य शिविर लगा कर विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया गया। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी के समाजिक न्यायिक सप्ताह का आयोजन कर भी स्वास्थ्य इकाईयों पर आने वाले लोगों को उनके स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने की सलाह दी गयी।

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मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अर्चना श्रीवास्तव ने बताया की पिछले कुछ सालों में जनपद में चिकित्सीय व स्वास्थ्य सेवाओं, उपकरणों, संसाधनों आदि सुविधाओं का लगातार विस्तार किया जा रहा है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र को मिलाकर जनपद की आबादी को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रत्येक स्तर पर प्रयासरत है।

सस्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटलीकरण के लिए ई-कवच पोर्टल, मंत्रा एप, आधारबद्ध जन्म पंजीकरण, यूबीआई फेसिंग अटेंडेंस एप का संचालन शुरू हुआ। ई-संजीवनी के माध्यम से सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर टेलीमेडिसिन की सुविधा शुरू हुई जिसमें सीएचओ अहम भूमिका निभा रहे हैं।

आधुनिक चिकित्सीय सेवा

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व आरसीएच नोडल डॉ शिशिर पुरी ने बताया की इस साल मनाये जाने वाले विश्व स्वास्थ्य दिवस की थीम डब्ल्यूएचओ ने ‘‘हेल्थ फॉर ऑल’’ निर्धारित किया है जिसे सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों के जरिये साकार भी किया जा रहा है. इन कार्यक्रमों के तहत हर आयु और हर वर्ग के लोगों के लिए प्रावधान है। इनका लाभ पहुंचाने का प्रयास अंग्रिम पंक्ति कार्यकर्ताओं की मदद से हो रहा है।

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डॉ पुरी का कहना है कि किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत किशोरियों के सेनेटरी पैड, किशोर किशोरियों के लिए साप्ताहिक आयरन फोलिक एसिड गोलियां देने के साथ जिला और महिला अस्पताल में किशोर किशोरी स्वास्थ्य परामर्श केंद्र चलाए जा रहे हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बिना किसी वर्गीकरण के स्वास्थ्य जांच व इलाज की सुविधा दी जा रही है।

आधुनिक चिकित्सीय सेवा

राष्ट्रीयकृत कार्यक्रमों के तहत संचारी रोगों जैसे टीबी, फाइलेरिया, कुष्ठ, इंसेफेलाइटिस, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि के जांच और इलाज की सुविधा सरकारी प्रावधानों के तहत दी जा रही है। टीबी मरीजों को इलाज के दौरान पोषण के लिए 500 रुपये प्रति माह देने का प्रावधान है तो कुष्ठ के सर्जरी वाले मरीजों को श्रमह्रास के लिए भी रुपये देने का प्रावधान है।

जिले के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) की मदद से गैर संचारी रोगों जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, स्तन व ओरल कैंसर, दांत से जुड़ी बीमारियों आदि की स्क्रीनिंग कर इलाज की सुविधा नजदीक में मुहैय्या कराई जा रही है। आयुष्मान भारत योजना के तहत पात्र और सूचीबद्ध लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड बनवा कर प्रति लाभार्थी पांच लाख रुपये तक के इलाज की सुविधा दी जा रही है।

रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर

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