विगत चार वर्षों में उत्तर प्रदेश सरकार ने अनेक उल्लेखनीय व अभूतपूर्व कार्य किये है। इनमें आपदा प्रबंधन के भी कार्य शामिल है। कोरोना आपदा प्रबंधन का योगी मॉडल दुनिया में चर्चित हुआ। अनेक विकसित देशों ने भी इससे प्रेरणा ली थी। इसी प्रकार पिछले चार वर्षों में बाढ़ नियंत्रण की भी कार्य योजना का क्रियान्वयन किया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चार वर्षाें में बाढ़ नियंत्रण की कार्ययोजना बनाकर लागू की गयी। इससे बाढ़ की आपदा से होने वाली जन धन हानि को रोकने में सफलता मिली है। प्रदेश की जनता को बाढ़ की विभीषिका से बचाने के लिए समय से स्थायी समिति की बैठकें आयोजित की गई। राज्य में पहली बार ड्रेजिंग जैसे नये प्रयोगों, परियोजनाओं के क्रियान्वयन में विभागीय स्तर पर प्रभावी प्रयास किये गए। बाढ़ से बचाव में सफलता मिली है।
समस्या से पहले प्रबंधन
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछली सरकारों के समय बाढ़ नियंत्रण परियोजनाएं बाढ़ के साथ ही प्रारम्भ होती थीं और बाढ़ खत्म होते ही उनका क्रियान्वयन रुक जाता था। वर्तमान सरकार द्वारा बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं को जनवरी माह में प्रारम्भ कर पन्द्रह मई तक कार्य को पूर्ण किया जा रहा है।
इससे राज्य में बाढ़ नियंत्रण में सफलता मिली तथा बाढ़ की आपदा का प्रभाव कम हुआ। प्रदेश में कुल चालीस जनपद बाढ़ की दृष्टि से संवेदनशील हैं। इनमें से चौबीस जनपद अतिसंवेदनशील एवं सोलह जनपद संवेदनशील हैं। बाढ़ नियंत्रण के लिए समय से किये गये उपायों से जन धन हानि रोकी जा सकती है।
परियोजनाओं का लोकार्पण
मुख्यमंत्री अपने सरकारी आवास पर वर्चुअल माध्यम से एक सौ छियालीस बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं के लोकार्पण तथा एक सौ सत्तर नयी बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं के शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि ड्रेजिंग के माध्यम से नदियों को चैनलाइज किये जाने के अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं।
उन्होंने इस अनेक जनपदों में लोकार्पित व शिलान्यास की गयी बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं के क्षेत्रों के निवासियों एवं जनप्रतिनिधियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया। कहा कि परियोजनाओं के निर्माण में आमजन को भी मानक के अनुरूप कार्याें की गुणवत्ता के सम्बन्ध में देखरेख कर सकारात्मक सहयोग करना चाहिए।